
भीलवाड़ा. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद नगर परिषद में भाजपा बोर्ड में 24 साल बाद विभिन्न समितियों के गठन की संभावना बढ़ गई है। समितियों के गठन से बोर्ड के कार्यों का बंटवारा हो सकेगा। शहर के विकास को गति मिलेगी और पार्षदों को अधिकार भी मिलेगा।
परिषद में तत्कालीन सभापति मधु जाजू ने 29 अगस्त 1995 से 28 अगस्त 2000 के मध्य शहरी विकास एवं कार्यों के विकेन्द्रीकरण के लिए सोलह समितियां बनाई थी। वरिष्ठ पार्षदों को कमान सौंपी और हर समिति में सात पार्षद सदस्य बनाए। जाजू के कार्यकाल के बाद चार बोर्ड गठित हुए और नौ सभापति रहे, लेकिन किसी ने समितियों का गठन नहीं किया। हालांकि इस दौरान पार्षदों ने समितियों के गठन को लेकर कई बार मांग उठाई और विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार व डीएलबी को लिखा।
पूर्व सभापति मधु जाजू का कहना है कि वस्त्रनगरी के सर्वांगीण विकास के लिए समितियों का गठन जरूरी है। मेरे कार्यकाल में समितियों का गठन हुआ और फायदा शहर को मिला। समितियों का गठन विभिन्न बोर्ड में नहीं होने से केन्द्रीकरण की स्थिति बनी हुई है।
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के अनुसार बोर्ड गठन के 90 दिन में स्थानीय निकायों में समितियों का गठन करने का प्रावधान है। इनमें एक्सक्यूटेवि, कार्यपालक, निर्माण, स्थापना, वित्त, रोशनी, उद्यान, परिवहन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति, नियम एवं उप विधि, समझौता एवं अपराधों का समन समिति व महिला उत्पीडन रोकथाम समिति प्रमुख है। सभापति अपने विवेक के आधार पर अन्य कमेटियों का गठन कर जिम्मेदारी सौंप सकता है।
शहर के सर्वांगीण विकास के लिए नगर परिषद हर संभव प्रयास करेगा। इसकी के तहत यहां बोर्ड में विभिन्न कमेटियों का गठन जल्द ही किया जाना प्रस्तावित है। संगठन स्तर के साथ ही बोर्ड सदस्यों से बातचीत जारी है।- राकेश पाठक, सभापति, नगर परिषद
Published on:
15 May 2024 01:42 pm
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