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डीएमएफटी की छह घंटे की बैठक में 100 करोड़ के विकास कार्यो पर चर्चा

locationभीलवाड़ाPublished: Sep 16, 2017 11:43:48 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

डीएमएफटी की बैठक में भीलवाड़ा विधायक अवस्थी व जिला प्रमुख हाडा में नोकझोंक

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डीएमएफटी की छह घंटे की बैठक में 100 करोड़ के विकास कार्यो पर चर्चा

भीलवाड़ा।

जिले के खनन प्रभावित क्षेत्रों में 350 करोड़ के विकास कार्यों पर मोहर लगनी थी,लेकिन छह घंटे की बैठक के बाद भी कुछ ही विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा हो पाई। एेसे में करीब 100 करोड़ रुपए के कामों पर ही चर्चा हो पाई। कई विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हो पाई। खनन क्षेत्र में विभिन्न विभागों के माध्यम से विकास कराने के लिए तैयार प्रस्तावों पर मंजूरी के लिए डिस्क्ट्रिट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) की गर्वनिंग कौंसिल की बैठक शनिवार को जिला प्रमुख शक्तिसिंह हाडा की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।
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लंबी प्रतीक्षा के बाद हुई इस बैठक में विधायक अपने-अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के प्रस्तावों को मंजूरी दिलाने की तैयारी करके आए थे। शाहपुरा विधायक विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल भी बैठक में मौजूद थे। बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ही चिकित्सा विभाग के माध्यम से कराए जाने वाले विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी जाने लगी। इस दौरान मेघवाल ने शाहपुरा को हिन्दुस्तान जिंक के खनन से प्रभावित क्षेत्र बताते हुए वहां अधिक कार्य कराने की बात कहीं तो भीलवाड़ा विधायक वि_लशंकर अवस्थी ने कहा कि जिंदल सॉ के खनन से प्रभावित पुर, बापूनगर डिस्पेन्सरीज में भी इस ट्रस्ट के माध्यम से विकास कार्य होना चाहिए। इस पर जिला प्रमुख हाडा ने कहा कि भीलवाड़ा शहर में एमजी चिकित्सालय के लिए ट्रस्ट से राशि मिल रही है।
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शहर को खनन प्रभावित क्षेत्र में शामिल नहीं बताने पर अवस्थी की हाडा व अन्य अधिकारियों से नोकझोंक भी हो गई। अवस्थी ने कहा कि भीलवाड़ा शहर भी खनन प्रभावित क्षेत्र है और यहां के डिस्पेन्सरीज, स्कूल आदि के लिए लिए भी पैसा मिलना चाहिए। बैठक में जहाजपुर विधायक धीरज गुर्जर के साढ़े सात करोड़ की लागत से कोठाज से रोपा तक १३ किलोमीटर सड़क निर्माण एवं खजूरी से आमल्दा तक साढ़े पांच करोड़ की लागत से 9 किलोमीटर सड़क निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली। बैठक में जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने ट्रस्ट के माध्यम से कराए जाने वाले कामो की जानकारी दी। इसके बाद विभागवार चर्चा शुरू हुई तो चिकित्सा व शिक्षा विभाग के प्रस्तावों पर ही लंबा समय लग गया।
एेसे में कई विभागों के माध्यम से होने वाले कार्यो पर तो चर्चा ही नहीं हो पाई। बैठक में खनन प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सडकों के दुरुस्तीकरण एवं निर्माण का मुद्दा भी छाया रहा। विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों को योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए एवं खनन नियमों के तहत उन्हीं क्षेत्रों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। आमजन की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए कार्यो को स्वीकृति प्रदान की जानी चाहिए। आसीन्द विधायक रामलाल गुर्जर ने कहा कि आसीन्द क्षेत्र में सिलकोसिस प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाएं मुहैय्या कराते हुए चिकित्सा, शिक्षा तथा पेयजल को भी प्राथमिकता प्रदान की जाए। सहाडा के विधायक डॉ. बालूराम जाट ने भी क्षेत्र के विकास से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की। जिला प्रमुख हाडा ने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिये एवं सुविधाओं में विस्तार के लिये नियमों के अनुरुप राशि दी जाएगी।


एक करोड़ से अधिक राशि के प्रस्तावा जाएंगे राज्य सरकार के पास

जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल ने विभिन्न जनप्रतिनिधियों व विभागों से प्राप्त प्रस्तावों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एक करोड से अधिक की राशि के प्रस्तावों को स्वीकृति के लिये राज्य सरकार को भेजे जाएंगे। ट्रस्ट के सदस्य सचिव कमलेश्वर बारेगामा ने बताया कि अनुमोदित प्रस्तावों की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जायेगी। उन्होंने बताया कि कुछ प्रस्तावों में संशोधन के लिये चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।
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