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नया शिक्षा सत्र शुरू होने को धूल फांकती आधी अधूरी किताबें, अधिकारियों को नहीं जानकारी कि क्यों नहीं आई किताबें

नया शिक्षा सत्र शुरू होने को है, लेकिनको नि:शुल्क बांटी जाने वाली किताबें अब तक नहीं आई

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Drafts before unfinished books in bhilwara

Drafts before unfinished books in bhilwara

भीलवाड़ा।

नया शिक्षा सत्र शुरू होने को है, लेकिन राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल से जिले की सरकारी स्कूलों में छात्रों को नि:शुल्क बांटी जाने वाली किताबें अब तक क्यों नहीं आई, इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है। हालांकि नई किताबों की एक खेप स्कूलों में बंटने को आ गई लेकिन उच्चाधिकारियों की मीटिंग के इंतजार में केंद्र के बरामदे में पड़ी धूल फांक रही है।

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पालड़ी रोड स्थित राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक वितरण केंद्र ने वर्ष 2018-19 के लिए किताबों की डिमांड समय रहते मुख्यालय को भेज देने के बावजूद कक्षा 1 से 8वीं तक करीब 8 लाख पुस्तकों में से 60 फीसदी व कक्षा 9 से 12वीं तक 5 लाख पुस्तकों की डिमांड के मुकाबले सिर्फ 40 फीसदी किताबें ही वितरण केंद्र पर पहुंच पाई है। नामांकन के मुकाबले कक्षा 1 से 3 तक सौ फीसदी, कक्षा 4 से 12वीं तक 50 फीसदी किताबें नई मंगवाई जाती है।

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इन कक्षाओं में शेष 50 प्रतिशत किताबें गत साल पास हुए बच्चों द्वारा स्कूल में जमा कराई गई उन पुरानी किताबों से ही आधे बच्चों को काम चलाना होता है। राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल की ओर से निर्धारित पुस्तकें बाजार में भी उपलब्ध नहीं होती। इस कारण विद्यार्थियों के पास कोई और विकल्प भी नहीं है। माना जा रहा है कि देरी से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो सकती है।


अप्रेल तक बंटनी थी, पढ़ाई पर पड़ेगा असर
आधी-अधूरी किताबों की खेप आने के चलते राजस्थान मंडल द्वारा जिले की सरकारी स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क मिलने वाली नई किताबें अभी तक स्कूलों में भी वितरण नहीं की जा सकी। आमतौर पर पुस्तक मंडल से जिला मुख्यालय के पुस्तक वितरण केंद्र पर मार्च से अप्रेल के बीच किताबें पहुंच जाती है। अप्रेल तक 8वीं तक के बच्चों को नि:शुल्क किताबें वितरित भी हो जाती है। नए शिक्षा सत्र में ग्रीष्मावकाश से पहले लगी कक्षाओं में भी बच्चों ने पुरानी किताबों से ही पढ़ाई की। इस कारण छात्र उपस्थिति पर भी असर रहा। अभी किताबों की एक और खेप बाकी है। इस लेटलतीफी का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पडऩा तय हैं।


मीटिंग के बाद करेंगे पुस्तकों का वितरण
किताबों की डिमांड हमने समयानुसार अपने मुख्यालय को भेज दी थी। अब तक किताबें क्यों नहीं आई? इस बारे में बता नहीं सकते। हमें इसकी जानकारी नहीं है। सभी कक्षाओं में सभी विषयों की किताबें पहुंचते ही एक मीटिंग रखी जाएगी। उस बैठक के बाद स्कूलों में किताबों का वितरण कार्य शुरू करेंगे।
सतीशचंद्र शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक वितरण केंद्र भीलवाड़ा