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सरकारी स्कूलों के गुरुजी भी पढ़ाई के लिए बना रहे बहाना

ग्रीष्मावकाश में जिले में आवासीय प्रशिक्षण शिविर होने के बावजूद कई शिक्षक रात में घर या रिश्तेदारों के यहां चले जाते थे

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Guruji of government schools also excuse for studies in bhilwara

Guruji of government schools also excuse for studies in bhilwara

भीलवाड़ा।

ग्रीष्मावकाश में जिले में आवासीय प्रशिक्षण शिविर होने के बावजूद कई शिक्षक रात में घर या रिश्तेदारों के यहां चले जाते थे। इसके चलते इस बार राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) ने जिले के बाहर शिविर लगाने के साथ ही नियम भी सख्त कर दिए। हालांकि विभिन्न विषयों के कई शिक्षकों ने आवासीय शिविरों से बचने के लिए बिहानेबाजी शुरू कर दी है।

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वे सेवानिवृति, गंभीर बीमारी व परीक्षा आदि के चलते इन प्रशिक्षणों से मुक्त रखने का अनुरोध किया है। इनमें कुछ शिक्षक एेसे हैं, जिन्होंने पूर्व के सत्र 2016-17 तथा 2017-18 में ही प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया था, लेकिन कुछ संस्था प्रधानों ने लापरवाही से पं. दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ अध्यापक प्रशिक्षण 2018-19 के लिए भी समस्त शिक्षकों का डेटा शाला दर्पण मॉड्यूल में फीड करा दिया।

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राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के निर्देशानुसार शाला दर्पण मॉड्यूल में केवल उन्हीं शिक्षकों का डेटा फीड करना था, जिन्होंने दिसंबर २०१५ के बाद प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया। एेसे में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की उलझन और बढ़ा दी। 16 मई से प्रारंभ आवासीय शिविर की तैयारियां करें या इन शिक्षकों के स्थान पर परिवर्तित शिक्षकों के नामों की सूची तैयार करें, यह रमसा के सामने चुनौती पूर्ण कार्य बन गया है।

शिविरों में शिक्षकों को सामाजिक, अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषय का प्रशिक्षण देंगे। सभी विषय के 60-60 अध्यापक भाग लेंगे। भीलवाड़ा के कुल 240 अध्यापक उदयपुर में प्रशिक्षण लेंगे। इसकी सूची जिला के बजाय राज्य स्तर पर तैयार की। रमसा से शाला दर्शन के आधार पर प्रशिक्षण के लिए अध्यापक सूची तैयार की है।


ब्लॉक स्तर का प्रशिक्षण अब चार चरणों में ही
सरकारी स्कूलों में पांचवीं तक पढ़ाने वाले जिले के 6,016 शिक्षकों को गर्मी की छुट्टियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। सैकंडरी के 1,363 एवं प्रारंभिक के 4,653 शिक्षक शामिल है। ब्लॉक स्तर पर पांच चरणों में होने वाले ६ दिवसीय प्रशिक्षण शिविर अब चार चरणों में होगा। पूर्व में पांच चरणों में होना था। पहला चरण 14 से 19 मई तक था, लेकिन अब 21 से शुरू होगा। दूसरा चरण 28 मई से 2 जून, तीसरा 4 से 9 जून तथा चौथा चरण 11 से 16 जून तक होगा। उपस्थिति प्रतिदिन सुबह 7 से 8 व शाम 8 से 9 बजे बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज कर सूचना जिला व राज्य मुख्यालय को देनी होगी। अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।


इन्हें मिलेगी छूट
शिविर शुरू होने से पहले शिक्षक को मेडिकल देना होगा। सीएमएचओ की अनुशंसा जरूरी होगी। इसके अभाव में शिविर से छूट नहीं दी जाएगी।
तीन वर्ष से छोटे बच्चे वाली महिला शिक्षक को आवासीय व्यवस्था में छूट होगी। वह शिविर से शाम को अपने रिश्तेदार या अन्य जगह पर जाकर रुक सकेगी।
गंभीर बीमारी होने पर शिक्षक को दस्तावेज पेश करेंने होंगे। जो राज्य स्तर पर भेजे जाएंगे। वहां से अनुमति मिलने के बाद शिविर से छूट दी जा सकेगी।

प्रशिक्षण हर चयनित शिक्षक के लिए जरूरी है। शिविर में नहीं आने की छूट बिना उचित कारण और बड़े अधिकारी की अनुशंसा के बिना नहीं मिलेगी। इसके बाद भी शिक्षक शिविर में नहीं आए तो प्रशिक्षण शिविर के दौरान का वेतन काटने के साथ आगामी वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी।
योगेश पारीक, एडीपीसी एसएसए-रमसा भीलवाड़ा