ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सौभाग्यसिंह ने बताया कि २७ जनवरी को अलगवास निवासी प्रताप सालवी ने शिकायत की कि उसके और भाई के बीच बाड़े को लेकर विवाद है। इस सम्बंध में करेड़ा थाने में रिपोर्ट दी थी। जांच करेड़ा थाने के एएसआई राजियावास (जवाजा) निवासी कैलाशचन्द्र मेघवाल के पास थी। पुलिसकर्मी ने मामला निपटाने और राजीनामा कराने की एवज में पांच हजार की रिश्वत मांगी। एक हजार उसी समय ले लिए।
सत्यापन में ले लिए दो हजार
एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। इस दौरान पुलिसकर्मी कैलाशचन्द्र ने दो हजार रुपए ले लिए। शेष राशि बाद में देना तय हुआ। एसीबी ने जाल बिछाया। सिंह के नेतृत्व में निरीक्षक हनुमानसिंह चौधरी, देवीलाल जंगलिया, नेमीचंद पहाडि़या, रामपाल तेली, गोपाल, ईश्वरसिंह, प्रेमचंद, हेमेन्द्रसिंह, विनोद कुमार, अख्तर खान परिवादी को साथ लेकर दोपहर में करेड़ा थाने पहुंचे।
एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। इस दौरान पुलिसकर्मी कैलाशचन्द्र ने दो हजार रुपए ले लिए। शेष राशि बाद में देना तय हुआ। एसीबी ने जाल बिछाया। सिंह के नेतृत्व में निरीक्षक हनुमानसिंह चौधरी, देवीलाल जंगलिया, नेमीचंद पहाडि़या, रामपाल तेली, गोपाल, ईश्वरसिंह, प्रेमचंद, हेमेन्द्रसिंह, विनोद कुमार, अख्तर खान परिवादी को साथ लेकर दोपहर में करेड़ा थाने पहुंचे।
राशि लेकर पेंट की जेब में रखी
प्रताप थाने में गया, जहां पुलिसकर्मी कैलाशचन्द्र मिल गया। उसने रिश्वत की राशि लेने के बाद कोट की जेब में रख ली। इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने पकड़ लिया। तलाशी लेने पर जेब से दो हजार की रिश्वत की राशि बरामद कर ली। हाथ धुलाने पर रंग निकल आया।
प्रताप थाने में गया, जहां पुलिसकर्मी कैलाशचन्द्र मिल गया। उसने रिश्वत की राशि लेने के बाद कोट की जेब में रख ली। इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने पकड़ लिया। तलाशी लेने पर जेब से दो हजार की रिश्वत की राशि बरामद कर ली। हाथ धुलाने पर रंग निकल आया।