
Locked cottage ward for eight years MG hospital in bhilwara
भीलवाड़ा।
राजकीय महात्मा गांधी जिला अस्पताल में आठ साल से कॉटेज वार्ड पर ताले हैं। कॉटेज में टूट-फूट हैं। लिहाजा अस्पताल प्रशासन ने कुछ कमरों में पुराना रिकार्ड व कबाड़ रखवा रख दिया। हालांकि कॉटेज की मरम्मत का काम 10 माह पहले शुरू किया गया लेकिन अब बजरी के अभाव में बंद है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 4-5 कमरों की मरम्मत हो गई है लेकिन छिटपुट काम बाकी है। लिहाजा अभी मरीजों को कॉटेज नहीं दिए जा सकते। मरम्मत पूरी होने पर ही खोलेंगे।
मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के निर्माण के बाद उसे और एमजीएच को जोडऩे के लिए बन रहे कॉरिडोर के साथ इनकी मरम्मत का काम भी शुरू हुआ। कॉरिडोर लगभग बन गया लेकिन कॉटेज के 11 में से 5 कमरों की मरम्मत ही हो पाई है। जिला अस्पताल होने के नाते यहां आसपास के जिलों से भी मरीज आते है लेकिन कॉटेज की सुविधा नहीं होने से अधिकांश मरीज प्रशासन को कोसते नजर आते है।
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परेशान मरीज कोस रहे प्रशासन को
जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां कॉटेज वार्ड की सुविधा नहीं मिलने पर मरीजों व परिजनों को परेशानी उठानी पड़ती है। जिला अस्पताल होने के नाते यहां आसपास के जिलों से भी मरीज आते है लेकिन कॉटेज की सुविधा नहीं होने से अधिकांश मरीज प्रशासन को कोसते नजर आते है।
अस्पताल के कॉटेज वार्ड के कमरे टूट-फूट के चलते आठ साल से बंद पड़े थे। दस माह पहले मरम्मत कार्य शुरू हुआ लेकिन सुप्रीम कोर्ट के बजरी पर रोक से काम बंद पड़ा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मरम्मत करा रहा है। उनके हेंडओवर करने पर ही मरीजों को सुविधा उपलब्ध करा पाएंगे।
डॉ. एसपी आगीवाल, प्रमुख चिकित्साधिकारी एमजीएच
Published on:
29 May 2018 01:32 pm
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