
Bijolia Vindhyavasini Mata Temple
बिजौलियां (भीलवाड़ा): बिजौलियां कस्बे में स्थित विंध्यवासिनी माता मंदिर में नवरात्र में लगातार श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। आसपास के गांव से भी श्रद्धालु आ रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से लकवाग्रस्त रोगी यहां पर आते हैं और यहां पर ही परिसर में रुकते हैं।
बता दें कि लकवाग्रस्त रोगी शाम की आरती में परिक्रमा लगाते हैं। मन्नत पूरी होने पर रोगी के परिजन मुर्गा चढ़ाते हैं। आज भी यहां पर पूरे परिसर में 200 से अधिक मुर्गे हैं। शाम होने पर सैकड़ों की संख्या में पक्षी मंदिर के शिखर पर चक्कर लगाते हुए नजर आते हैं। रात्रि में यह पक्षी पेड़ों पर आकर बैठते हैं।
साल 1972 के बाद मंदिर के प्रति धीरे-धीरे लोगों में आस्था बढ़ी है। यहां हॉल का निर्माण भी कराया गया, जिसकी लागत करीब एक करोड़ रुपए से अधिक है। इसमें 2000 व्यक्ति बैठ सकते हैं।
मुख्य प्रवेश द्वार ऊपर माल खेराड बरड़ क्षेत्र के किराड़ समाज की ओर से बनाया गया है। यहां पर रुकने वाले रोगी से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। वह एक और दो महीने तक रुकते हैं, उसके बाद ठीक होकर चले जाते हैं।
नवरात्र में करीब 200 से अधिक रोगी यहां पर रुके हुए हैं। इनके भोजन के लिए दानदाता घनश्याम पुरुषोत्तम और ब्रिजेश पुरोहित संस्थान की ओर की गई है। विंध्यवासिनी प्रबंध कार्यकारिणी के कोषाध्यक्ष शक्ति नारायण शर्मा ने बताया कि प्रति महीने में अमावस्या के दिन दान पेटी खोली जाती है।
उससे निकलने वाली राशि का उपयोग क्षेत्र परिसर के विकास कार्य में किया जाता है। तालाब का स्वरूप न बिगड़े, इसलिए पिलर पर 100 गुना 100 का हाल बनाया गया है।
Published on:
27 Sept 2025 02:24 pm
बड़ी खबरें
View Allभीलवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
