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चार साल से मयस्सर नहीं पेयजल, कभी रिसता पाइप तो कभी नदी बनती सहारा

locationभीलवाड़ाPublished: May 18, 2018 12:07:01 pm

Submitted by:

tej narayan

सांगानेर रोड पर मेडिकल कॉलेज के पास चार साल पहले बसाई कॉलोनी के बाशिंदों को पीने का मयस्सर नहीं है

Water crisis in bhilwara

Water crisis in bhilwara

भीलवाड़ा ।

सांगानेर रोड पर मेडिकल कॉलेज के पास चार साल पहले बसाई कॉलोनी के बाशिंदों को पीने का मयस्सर नहीं है। इनकी मजबूरी का आलम यह है कि एक निर्माणाधीन मकान के टूटी पाइप लाइन से रिसते पानी से प्यास बुझा रहे हैं। हालांकि कॉलोनी अवैध है। इन लोगों को तत्कालीन कलक्टर औंकारसिंह ने मेडिकल कॉलोनी की जमीन से हटाकर पास की खाली जगह रहने को दी थी। तब से ये सड़क, पानी व अन्य सुविधा की मांग कर रहे हैं।
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क्षेत्र के बाशिंदे सोजी राम व महिलाओं ने बताया कि वे शमशान के हैण्डपम्प से पेयजल लाते थे लेकिन वह भी खराब हो गया। यहां पास में बोरिंग है लेकिन उसका मालिक पानी नहीं भरने देता है। ऐसे में पीने का पानी नदी से लाना पड़ रहा है। कई बार स्थिति यह हो जाती है कि पास में बन रहे मकान की तराई के लिए लगाए पाइप से रिसते पानी को बर्तन में भरकर लाते हैं और काम चलाते हैं। पार्षद नन्दलाल भील से टैंकर डलवाने की मांग की लेकिन कुछ नहीं हुआ।
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औंकार सिंह के नाम से लगा बोर्ड
इस बस्ती के बाहर लगे बोर्ड पर लिखा है कि यह बस्ती कलक्टर औंकारसिंह ने बसाई है। पता-कच्ची बस्ती कीरखेड़ा सांगानेर वार्ड 41 भीलवाड़ा दिया है तो मनोहरलाल भाट को अध्यक्ष व कल्लू बंजारा को उपाध्यक्ष बता रखा है। मालूम हो तत्कालीन कलक्टर औंकारसिंह ने मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन आवंटित की।मौके पर बस्ती होने से यहां रहने वाले लोगों को समझा-बुझाकर पास ही खाली अन्य जमीन पर बसा दिया। वहां सड़क, पानी तथा रोशनी के इंतजाम नहीं है। सोजी ने बताया कि यहां 93 घर हैं, जिनमें करीब ३०० लोग रहते हैं। शौचालय के लिए दो-तीन बार आवेदन किया लेकिन निर्माण नहीं हुआ। आज भी यहां लोग खुले में शौच जाते हैं। सड़क नहीं होने से इस मार्ग से निकलने वाले अवैध पत्थर व बजरी से भरे ट्रेक्टर के कारण दिन भर धूल के गुब्बार उड़ते रहते है। इससे सभी लोग परेशान है।
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