
भीलवाड़ा।
टेक्सटाइल उद्यमियों को राहत देने के लिए जीएसटी काउंसिल ने राहत के छींटे देते यार्न पर जीएसटी कम की लेकिन इसका लाभ छोटे व्यापारियों व जॉब पर काम करने वाले को नहीं मिल पाया। यार्न पर जीएसटी 18 प्रतिशत थी तब उसकी कीमत कम थी, लेकिन जीएसटी18 से 12 प्रतिशत होने के बाद भी यार्न कीमतों में भारी बढोतरी कर दी गई है।
इसके चलते कपड़ा व्यापारी व जॉब पर काम करने वाले व्यापारी खासे परेशान हैं व खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। पिछले 6 माह से यार्न दर लगातार बढ़ रही है। जीएसटी घटाकर 12 प्रतिशत करने के बावजूद स्पिनर्स यार्न के दाम कम नहीं कर रहे। जीएसटी कम हुआ तो बेसिक दाम बढ़ा दिए। शहर व प्रदेश में तीन दर्जन से अधिक स्पिनिंग मिले हैं, जो यार्न की कृत्रिम कमी बताकर दर बढ़ा रहे हैं। इससे कपड़ा व्यापारियों को मजबूरन अधिक दाम पर यार्न खरीदना पड़ रहा है।
इंपोर्ट व एंटी डंपिंग ड्यूटी को मान रहे वजह
यार्न में 30 रुपए किलो की तेजी से कपड़ा मंहगा पड़ रहा है। एक मीटर कपड़े की लागत 12 रुपए मीटर तक बढ़ गई है। व्यापारी बढ़े हुए दाम से कपड़ा बेच नहीं पा रहे है। इससे नुकसान उठाना पड़ रहा है। व्यापारियों ने यार्न का उठाव घटा दिया है। ऐसे में लगातार सीजन के बाद भी विविंग उद्योगों को काम मिल रहा है। विविंग उद्योग कपड़ा बनाने की दर घटाने को मजबूर हैं। कपड़ा व्यापारी की माने तो यार्न व्यापारियों ने छह माह में 30 रुपए बढ़ाए, इसके पीछे मुख्य कारण इंपोर्ट व एन्टी डम्पिंग डय्टी है।
विविंग दरों में कमी
यार्न का उठाव कम होने से कपड़ा बनाने वाले में भी कमी आई है। अगले माह रमजान है। इसके बाद शादी समारोह व दुर्गा पूजा आएगी। उसके बाद भी सिंगल विड्र्थ की दर 22 पैसै से घटकर 19 पैसा प्रति पीक तथा डबल में 18 से 15 पैसा प्रति पीक रह गई है।
कपड़ा महंगा, बढ़ी दर देने को कोई तैयार नहीं
पहले यार्न पर जीएसटी 18 प्रतिशत थी तब यार्न 124 से 150 रुपए किलोग्राम मिल रहा था। जब 12 प्रतिशत दर हुई तो उसकी दर 140 से 200 रुपए किलोग्राम हो गई है। इससे कपड़ा महंगा हो गया है लेकिन कोई भी व्यापारी बढ़ी दर देने को तैयार नहीं है। टैक्सच्राइज यार्न 100 रुपए किलोग्राम था, जो 120 रुपए किलो हो गया है।
अभय गोखरू, उद्यमी
रॉ मेटेरियल में भी तेजी
यार्न पर छह प्रतिशत जीएसटी घटाने के बावजूद यार्न में लगभग 20 प्रतिशत की तेजी है। किसी भी व्यापारी को जीएसटी कम होने का फायदा नहीं मिला। स्कूल ड्रेस के बाद भी लगातार सीजन से यार्न में तेजी है। इस पर अंकुश के लिए विविंग उद्यमियों को ही आगे आना होगा। पेट्रोलियम पदार्थ में जबरदस्त तेजी के कारण ही यार्न के रॉ मेटेरियल के दामों में तेजी बनी हुई है। क्रूड आयाल में तेजी बनी है।
अनिल छाजेड, यार्न व्यापारी
Published on:
06 May 2018 12:54 pm
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