scriptस्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल तस्वीर : 108 एंबुलेंस ने नहीं उठाया फोन, फिर बीमार पिता को ठेले पर लेकर पहुंचा अस्पताल | 108 ambulances not took call reached hospital with sick father on hand | Patrika News

स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल तस्वीर : 108 एंबुलेंस ने नहीं उठाया फोन, फिर बीमार पिता को ठेले पर लेकर पहुंचा अस्पताल

locationभिंडPublished: Aug 17, 2022 01:19:45 pm

Submitted by:

Faiz

-बदहाल स्वास्थ व्यवस्था की तस्वीर-जिले में खोखले साबित हो रहे सरकार के दावे-एंबुलेंस न मिलने पर पिता को ठेले पर अस्पताल लेकर पहुंचा बेटा-सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

News

स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल तस्वीर : 108 एंबुलेंस ने नहीं उठाया फोन, फिर बीमार पिता को ठेले पर लेकर पहुंचा अस्पताल

भिंड. सरकार द्वारा भले ही मध्य प्रदेश के रहने वाले अंतिम छोर के हर एक शख्स को विकास और योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन कई इलाकों में हकीकत इससे परे है। ताजा मामला सूबे के भिंड में सामने आया, जहां सरकारी दावे खोखले दिखाई दे रहे हैं। यहां एक बुजुर्ग को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने के लिए अस्पताल तक नसीब नहीं हो सकी। बुजुर्ग के बेटे द्वारा तमाम जद्दजहद करने के बाद भी पिता को अस्पताल तक ले जाने के लिए को सरकारी संसाधन न मिल पाने पर मजबूरन बेटा बीमार पिता को हाथठेले पर रखकर अस्पताल पहुंचा। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद जिम्मेदारों की आलोचना शुरु हो गई है।

आपको बता दें कि, ये मामला जिले के दबोह इलाके के अमाहा पंचायत का है। ग्राम पंचायत के मारपुरा के रहने वाले मजदूर हरि सिंह के बुजुर्ग पिता की तबियत अचानक बिगड़ गई। बेटे ने इसके बाद कई बार 108 एम्बुलेंस से संपर्क भी किया, लेकिन एंबुलेंस की तरफ से फोन रिसीव नहीं किया गया। ऐसे में पिता की बिगड़ती हालत को देखते हुए हरि सिंह पिता को हाथठेला पर लिटाकर 5 किलोमीटर दूर स्थित दबोह अस्पताल लेकर पहुंचा, तब कहीं जाकर पिता का इलाज हो सका।

 

यह भी पढ़ें- आज से बढ़ गए अमूल दूध के दाम, जानिए नए रेट


कई बार एंबुलेंस को फोन किये पर किसी ने रिसीव नहीं किया

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8d2u42

वहीं, इस मामले में पीड़ित पक्ष का कहना है कि, शासन की ओर से आपात स्थिति मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए इमरजेंसी सेवा 108 एम्बुलेंस का प्रचार तो किया, पर जमीनी हकीकत ये है कि, एंबुलेंस को कई बार कॉल करने के बाद भी वहां कोई फोन रिसीव करने वाला नहीं है। ऐसे में उसके पास ठेले पर ले के जाने के सिवा और कोई साधन नहीं था। क्योंकि, वो मेहनत मजदूरी करता है। उसके पास इतना पैसे नहीं है कि, निजी वाहन किराय पर लेकर पिता को इलाज के लिए अस्पताल ले जा सकें।


पहले भी सामने आ चुकी हैं लापरवाही की तस्वीरें, मौतें तक हुईं

बता दें कि, जिले में 108 एम्बुलेंस सेवा की लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। भिंड जिले में कई बार इस तरह की स्थितियां देखने को मिली। बता दें कि, बीते एक माह में ही एंबुलेंस सेवा की लापरवाही की ये तीसरी घटना सामने आई है। इससे पहले लहार में एम्बुलेंस के समय पर ना पहुंचने से निजी वाहन से पहुंची प्रसूता का प्रसव अस्पताल के बाहर ही हो गया था। इस घटना में महिला और एक नवजात की मौत हो गई थी। वहीं, 5 अगस्त को जिला अस्पताल में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। कीरतपुरा से एम्बुलेंस न मिलने पर प्राइवेट वाहन से पहुंची गर्भवती का प्रसव भी अस्पताल के गेट पर ही हो गया था। हालांकि, हैरानी इस बात की है कि, लगातार सामने आ रही इन लापरवाही की घटनाओं के बावजूद जिम्मेदारों की ओर से इसके खिलाफ अबतक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो