6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MP Election 2023 : भिंड विधानसभा में 58.57% मतदान, भाजपा-कांग्रेस के बागियों के बीच मुकाबला रोचक

भिंड जिले की भिंड विधानसभा सीट क्रमांक- 10 पर शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को संपन्न हुए मतदान में 58.57 फीसदी फाइनल वोटिंग हुई है। यहां भाजपा ने नरेंद्र सिंह कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को चुनावी मैदान में उतारा है।

4 min read
Google source verification
MP Election 2023

MP Election 2023 : भिंड विधानसभा में 58.57% मतदान, भाजपा-कांग्रेस के बागियों के बीच मुकाबला रोचक

मध्य प्रदेश के चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले भिंड जिले की भिंड विधानसभा सीट पर भाजपा ने नरेंद्र कुशवाह को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने चौधरी राकेश सिंह को मैदान में उतारा है। खास बात ये है कि दोनों ही पार्टियों ने यहां बागियों पर दाव खेला है। नरेंद्र कुशवाह भाजपा में सपा छोड़कर शामिल हुए थे। वहीं राकेश सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए थे। भिंड प्रदेश की उन चुनिंदा सीटों में से एक है, जहां 2018 में न तो भाजपा जीती थी और न ही कांग्रेस। आखिरी विधानसभा चुनाव में यहां बसपा के संजीव सिंह जीते थे, लेकिन बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, इस बार भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं चुना है।

17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में भिंड विधानसभा सीट पर 58.57 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 58.70 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 56.91 प्रतिशत वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।

यह भी पढ़ें- मतदान के बाद कमलनाथ और शिवराज ने जताया जनता का आभार, इस तरह दोनों ने कर दिया जीत का दावा

पिछले चुनाव के नतीजे

साल 2018 विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो यहां संजीव सिंह कुशवाह को 69,107 वोट मिले थे। राकेश चौधरी चौधरी को आधे से भी कम 33,211 वोट मिले थे। इस दौरान भिंड सीट पर कुल 47 फीसदी ही मतदान हुआ था।

यह भी पढ़ें- MP Election 2023 : अटेर विधानसभा सीट पर दिखती है यूपी की सियासी झलक, ऐसे तय होती है हार-जीत


भाजपा के नरेंद्र कुशवाह

भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव मैदान में उतारे गए नरेंद्र कुशवाह ने 2018 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में उन्हें 30, 474 वोट मिले थे और तीसरे नंबर पर रहे थे, लेकिन नरेंद्र सिंह कुशवाह 2003 और 2013 में भाजपा के टिकट पर विधायक बन चुके हैं। 2018 में जब भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वो सपा में शामिल हो गए थे। राजनीतिक जानकारों की मानें तो 2018 में भाजपा की हार का कारण नरेंद्र सिंह ही माने जा रहे थे।

यह भी पढ़ें- mp election 2023 : लहार विधानसभा में रोचक मुकाबला, क्या 38 साल बाद कांग्रेस के किला भेद पाएगी भाजपा ?


कांग्रेस के चौधरी राकेश सिंह

कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे राकेश सिंह चतुर्वेदी ने 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें 33, 211 वोट मिले थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। चुनाव हारने के बाद राकेश सिंह भाजपा से दूर हो गए थे। चुनाव से एन पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। राकेश सिंह पुराने कांग्रेसी नेता रहे हैं। वे दिग्विजय सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे।

यह भी पढ़ें- MP Election 2023 : अंबाह सीट पर एससी का आरक्षण पर राजपूतों का होल्ड, तगड़ा होगा घमासान


भिंड विधानसभा के मतदाता

भिंड विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 71 हजार 617 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 46 हजार 763 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 24 हजार 852 है।

यह भी पढ़ें- MP Election 2023 : सुमावली विधानसभा में इस बार कांटे की टक्कर, पुराने प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने


भिंड विधानसभा की जनता की आवाज

1- जिले में कम से कम 6 फ्लाईओवर होना चाहिए, रेलवे क्रॉसिंग, लहार रोड, सुभाष तिराहे से इंदिरा गांधी चौराहे तक फ्लाईओवर बनने चाहिए।

2- औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर को मिलने वाले अनुदान का हिस्सा भिंड में भी खर्च होना चाहिए।

3- जिला नदियों से घिरा हुआ है। यहां डैम बनाकर विद्युत उत्पादन की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे न सिर्फ जिले की बिजली जरूरतों की आपूर्ति होगी, बल्कि हम अन्य राज्यों को बिजली बेचने में भी सक्षम होंगे।

4- प्रदेश में सबसे ज्यादा शहीद भिंड जिले में हैं। यहां राष्ट्रीय नहीं तो कम से कम प्रदेश स्तर का शहीद स्मारक बनाया जाना चाहिए।

5- जिले में उच्च तकनीकी या व्यावसायिक शिक्षण संस्थान की स्थापना होनी चाहिए।

6- गो-अभयारण्य बनना चाहिए, ताकि फसलें सुरक्षित हो सकें और किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके।

7- मध्य प्रदेश के सभी जिलों के प्रधान और जिला सत्र न्यायाधीशों को मानवाधिकार आयोग के सचिव का दर्जा दिये जाने पर चर्चा है, लेकिन अधिकारों का हस्तांतरण अबतक नहीं हो सका है, इससे जिले पर ही मानव अधिकारों पर सुनवाई हो सकेगी।

8- अमायन क्षेत्र 33 साल से नहर का मुद्दा का लंबित है। घोषणाएं हुईं, आवास बने, पर अबतक नहर नहीं आई।

9- नगर निगम के गठन की घोषणा तो हुई है। लेकिन, अबतक इसपर अमल नहीं हुआ। इस आवश्यक मुद्दे पर शीघ्रता बरतनी चाहिए और सुचारू संचालन किया जाना चाहिए।

10- शहर की यातायात और यात्री परिहवन व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए।

11- विधायकों की पेंशन बंद होनी चाहिए।

12- तहसील मुख्यालय होने से अटेर में सिविल न्यायालय शुरू होना चाहिए।

13- भिंड और अटेर के किले को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

14- अपर कमिश्नर और डीआईजी का मुख्यालय भिंड में किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें- MP Election 2023 : 2008 से भितरवार सीट पर कांग्रेस का दबदबा, क्या भाजपा इस बार दिखा सकेगी दम ?

इस बार हर सीट पर कांटे की टक्कर

6 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उससे पहले 3 दिसंबर को चुनाव आयोग नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। 17 नवंबर को पूरे प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। चुनाव से पहले अबतक सामने आए सर्वेक्षणों में ये पता चला है कि इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।