
भिंड. मध्यप्रदेश में एक बार फिर नकली नोटों के बड़े कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। मामला भिंड जिले का है जहां लहार थाना क्षेत्र के गांव में चल रही नकली नोटों की असली फैक्ट्री का भांडाफोड़ करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के दो साथी फरार हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। फरार आरोपियों ने नकली नोटों की गैंग का मास्टरमाइंड भी है। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने 10 लाख रुपए के नकली नोट जब्त किए हैं जिन्हें जल्द ही बड़े शहरों में खपाने की तैयारी थी।
गांव में लगा रखी थी नकली नोटों की असली फैक्ट्री
नकली नोटों के सौदागरों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कलर प्रिंटर की मदद से लहार थाना क्षेत्र के एक गांव में नकली नोट छापे जा रहे थे। पुलिस ने नकली नोटों के कारोबार से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से 10 लाख रुपए के नकली नोट जब्त हुए हैं। पुलिस ने बताया कि नकली नोट छापने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड सत्यवीर राजपूत नाम का शख्स है जो फिलहाल फरार है।
गुजरात से सीखा नकली नोट बनाना
आरोपी ने गुजरात से नकली नोट छापना सीखा था और प्रिटिंग मशीन और कागज भी वहीं से लाते थे। आरोपियों ने गांव में ही मशीन लगा ली थी। आरोपी प्रिंटर की मदद से नकली नोट प्रिंट करते थे। गिरोह का सरगना सत्यवीर पहले नकली नोटों के मामले में जेल में बंद था। 8 महीने के बाद जमानत पर रिहा होकर फिर उसने नकली नोटों का कारोबार शुरु कर दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी मात्र दस सेकंड में दो हजार का एक नकली नोट बनाकर तैयार कर लेते थे और इन नकली नोटों को अलग अलग तरीकों से बाजार में खपा देते थे।
गुजरात में खपाने थे 5 लाख के नकली नोट
शुरुआती पूछताछ गिरफ्तार हुए आरोपियों ने बताया है कि मास्टरमाइंड सत्यवीर और विनोद दोनों गुजरात गए हैं। गुजरात में 5 लाख रुपए के नकली नोट खपाने की डील हुई है। 5 लाख के नकली नोटों के बदले आरोपियों को 50 हजार रुपए मिलने वाले थे। बताया गया है कि आरोपी 2000 और 200 रुपए का ही नकली नोट छापते थे।
Published on:
25 Mar 2022 09:04 pm
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