
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: मध्यप्रदेश में सभी जहां त्योहार की खुशियां मना रहे हैं तो वहीं करीब एक हजार ऐसे शिक्षक जिनके चेहरे पर मायूसी है। इन्हें दो माह से वेतन नहीं मिला। होमलोन बकाया हो गया। किस्त जमा न करने पर बैंकों से इनके पास मैसेज पहुंचने लगे हैं। शिक्षकों ने बताया कि इस त्योहारी सीजन में आर्थिक तंगी का शिकार हो गए। शिकायत करने पर जवाब मिला आपके वेतन के लिए बजट का मदद जीरो हो गया है।
प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक की व्यवस्था के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र जिम्मेदार है। राजधानी में करीब सात सौ प्राइमरी और मिडिल हैं। इन स्कूलों के लिए जन शिक्षक, बीआरसी, बीएसी बनाए गए हैं। इन पदों पर शिक्षकों को ही प्रतिनियुक्ति दी गई है। शिक्षकों ने बताया कि ई अटेन्डेंस के चलते वेतन के लिए अलग से प्रावधान हुआ। लेकिन इसके लिए बजट नहीं है। ऐसे में दो माह से वेतन जारी नहीं हो सका।
कई शिक्षकों के बुरे हाल हो गए हैं। सरकारी नौकरी में पहली बार ऐसा हुआ जब वेतन नहीं दिया जा रहा है। त्योहारों के दौरान विभाग खास इंतजाम करता है यहां तो हाल उल्टा ही दिख गया। अधिकारियों ने अब तक ध्यान नहीं दिया। उपेन्द्र कौशल, अध्यक्ष मप्र शिक्षक संगठन
राजधानी में जनशिक्षक प्रेमनारायण ने बताया लोन पर मकान हैं। किस्त जमा नहीं कर पाए। अब मैसेज आ रहे हैं। वहीं त्योहार में परिवार की जरूरतें भी पूरी नहीं कर पाए। त्योहार नहीं मना पाए। सोसायटी में जो कार्यक्रम करते थे उससे भी दूर होना पड़ा। वेतन न मिलने का यह तीसरा माह शुरू हो गया है। मामले में जिला और राज्य स्तर पर शिकायत कर चुके हैं। प्रदेश में करीब चार सौ ब्लॉक हैं। हर ब्लॉक में स्कूलों के इंतजाम के लिए जनशिक्षक हैं। ये अटैचमेंट पर हैं।
Published on:
03 Oct 2025 11:15 am
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