
अहम बदलाव
10वीं और 12वीं की परीक्षाएं बेहद नजदीक आ चुकी हैं। इन परीक्षाओं के लिए जहां स्टूडेंट जी जान से पढ़ाई में जुटे हुए हैं वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां तेजी से चल रहीं हैं। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल यानि एमपी बोर्ड की परीक्षाएं 5 फरवरी से शुरु होनेवाली हैं। इन परीक्षाओं के संबंध में एक अहम बदलाव सामने आया है।
एमपी बोर्ड ने इन परीक्षाओं बड़ा बदलाव किया है। इसी के साथ 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए बोर्ड अपने पुराने पैटर्न पर ही लौट आया है। इसके अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र अलग-अलग कई पैटर्न में बनाए जाएंगे। पहले इसी पैटर्न पर परीक्षाएं ली जाती थीं लेकिन बाद में बोर्ड ने यह व्यवस्था बंद कर दी थी। परीक्षाओं में नकल की गुंजाइश खत्म करने के लिए यह बदलाव किया गया है।
बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को नकल मुक्त बनाने पर इस बार सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसके लिए बोर्ड ने प्रश्न पत्रों के अलग अलग सेट बनाए हैं। हरेक विषय में चार अलग अलग प्रश्नपत्र तैयार किए गए हैं यानि परीक्षा केंद्रों पर एक कक्ष में परीक्षार्थियों को एक जैसा प्रश्नपत्र नहीं मिलेगा।
गौरतलब है कि परीक्षा कक्ष में सभी परीक्षार्थियों को एक ही प्रश्न पत्र दिए जाने पर नकल की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। इसी वजह से परीक्षार्थियों को अलग—अलग पेपर दिए जाने का निर्णय लिया गया। इस बार चार अलग अलग प्रश्नपत्रों के सेट तैयार किए गए हैं। कक्ष में परीक्षार्थियों को ये चारों अलग अलग सेट ही दिए जाएंगे। परीक्षार्थियों को ए, बी, सी, डी नामक चार सेट में ये प्रश्न पत्र दिए जाएंगे। इससे परीक्षार्थी एक दूसरे की कापी से नकल नहीं कर सकेंगे।
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि करीब एक दशक पूर्व बोर्ड परीक्षाएं इसी पैटर्न पर ली जाती थीं। बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों के अलग—अलग तैयार किए जाते थे। बाद में प्रश्नपत्रों के अलग अलग सेट की व्यवस्था बंद कर दी गई। इस बार फिर बोर्ड ने कुछ बदलावों के साथ प्रश्नपत्रों के अलग अलग सेट तैयार करने के पुराने पैटर्न को अपनाया है।
व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगा स्थानीय सहायक केंद्राध्यक्ष
परीक्षा केंद्रों में प्रश्न पत्र वितरित करने की प्रक्रिया भी तय की है। पांच फरवरी से शुरू होने वाली परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रहीं हैं। बोर्ड की परीक्षाओं में इस बार स्थानीय सहायक केंद्राध्यक्ष भी नियुक्त किए जा रहे हैं।
जो स्कूल परीक्षा केंद्र बनाया गया है, उसी स्कूल के एक टीचर को स्थानीय सहायक केंद्राध्यक्ष बनाया गया है। स्थानीय सहायक केंद्राध्यक्षों की प्रमुख जिम्मेदारी परीक्षा केंद्रों में व्यवस्थाएं जुटाना ही होगा। एग्जाम हाल में पर्याप्त फर्नीचर, परीक्षार्थियों के लिए पेयजल और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने का इनका दायित्व तय किया गया है।
Published on:
31 Jan 2024 05:45 pm
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