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लंपी वायरस की चपेट में आए एमपी के 33 जिले, अब 2333 केस एक्टिव, अलर्ट हुआ प्रशासन

संक्रमण से निपटने के लिए पशु चिकित्सक युद्ध स्तर पर उपचार में जुटे हैं, बावजूद इसके प्रदेश में वायरस से संक्रमित पशुओं की संख्या बढ़कर 2333 हो गई है।

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33 districts affected by Lumpy virus in mp

लंपी वायरस की चपेट में आए एमपी के 33 जिले, अब 2333 केस एक्टिव, अलर्ट हुआ प्रशासन

मध्य प्रदेश में एक बार फिर लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ने लगा है। मौजूदा समयम में प्रदेश के 33 जिलों में इस गंभीर रोग का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, इस संक्रमण से निपटने के लिए पशु चिकित्सक युद्ध स्तर पर उपचार में जुटे हैं, बावजूद इसके प्रदेश में वायरस से संक्रमित पशुओं की संख्या बढ़कर 2333 हो गई है। अब इस मामले में प्रशासन भी एक्टिव हो गया है। प्रदेश के सरहदी इलाकों में सर्वे का काम तेजी से करने और बाहर से आने वाले पशुओं की पड़ताल के बाद ही एंट्री देने के निर्देश दिए गए हैं।


भोपाल जिले के पशुओं में भी लंपी वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। आवारा गोवंश में वायरस मिलने से चिंता बढ़ गई है। इस वायरस से अबतक 90 गोवंश संक्रमित होने की पुष्टि की जा चुकी है। इन्हीं में से अबतक 10 की मौत भी हो चुकी है। इसे देखते हुए प्रदेश के बॉर्डर वाले इलाकों को सर्वे कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

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कई पशुओं की हालत गंभीर

बताया गया कि संक्रमित गोवंश को वैक्सीन के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। वैक्सीनेशन में लापरवाही के कारण लंपी का प्रकोप फिर से तेजी से फैल रहा है। कई पशुओं की हालत गंभीर है। वैक्सीनेशन को लेकर पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से चिंता बढ़ रही है।


साढ़े 26 लाख पशुओं का टीकाकरण

संचालक पशुपालन एवं डेयरी के अनुसार, बीते तीन महीनों में प्रदेश के कुल 25 हजार 691 पशु इस रोग से प्रभावित हुए हैं, जिसमें से कुल 22 हजार 975 यानी 90 फीसदी पशु इस बीमारी से ठीक भी हो चुके हैं। अबतक कुल 26 लाख 50 हजार पशुओं में टीकाकरण भी कर दिया गया है। साथ ही, बीमार पशुओं का सतत उपचार किया जा रहा है। इसके पिछले 25 दिनों से प्रभावित पशुओं की संख्या और पशुओं की मृत्यु दर में कमी देखी जा रही है।


रोकथाम के लिए मॉनिटरिंग

लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावित इलाकों के पशुओं में टीकाकरण और उपचार युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। विभाग लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए रोजाना मॉनिटरिंग कर रहा है। भोपाल जिले की बात करें तो यहां लगातार स्थितियां नियंत्रण में आ रही हैं।