
morena pul
मध्यप्रदेश में अनेक सड़क परियोजनाएं चल रहीं हैं और कई नए पुल भी बनाए जा रहे हैं। इन्हीं में मुरैना के पास सेवरघाट के ब्रिज का काम भी शामिल है। पुल का महज 25 प्रतिशत काम बचा है और अगले साल यानि 2025 में फरवरी में ब्रिज पूरा हो जाने की उम्मीद है। चंबल नदी पर 76 करोड़ रुपए में बनाए जा रहे इस पुल का निर्माण पूरा होते ही कैलारस और जौरा इलाके के लोगों का करीब साढे 3 दशक का इंतजार भी खत्म हो जाएगा। इस पुल से आवागमन शुरु होते ही देश के दो बड़े राज्य एमपी और राजस्थान और करीब आ जाएंगे। चंबल का यह पुल दोनों राज्यों के बीच का करीब 100 किमी का फेर खत्म कर देगा।
चंबल के सेवरघाट पर राजस्थान सरकार ने 1988 में पुल निर्माण शुरू करवाया लेकिन मप्र में चंबल घड़ियाल अभयारण्य की एनओसी नहीं मिलने से यह अधूरा रह गया। बाद में राजस्थान सरकार ने 25 मीटर ऊंचा नया पुल स्वीकृत कर 2022 में इसका निर्माण शुरू करवाया। फरवरी 2025 तक नए पुल का निर्माण पूरा होने और इसपर आवागमन शुरू होने की उम्मीद है।
100 किमी घटेगी दूरी
पुल बन जाने के बाद एमपी से राजस्थान का सफर और आसान हो जाएगा। अभी प्रदेश के जौरा और कैलारस इलाके के लोगों को राजस्थान के बाड़ी-बसेड़ी, सरमथुरा के लिए मुरैना, धौलपुर होकर जाना पड़ता है। वाहन चालकों को इसके लिए 160 किमी का फेरा लगाना पड़ता है। सेवर घाट का पुल बन जाने के बाद जौरा से बाड़ी की दूरी घटकर महज 60 किमी रह जाएगी। इस प्रकार कार, बाइक से पूरे 100 किमी का फेर बचेगा।
720 मीटर लंबे सेवरघाट पुल पर अभी स्पान डालने का काम चल रहा है। राजस्थान स्टेड रोड डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राकेश दीक्षित बताते हैं कि पुल का तीन चौथाई काम पूरा हो चुका है। अगले तीन माह में पुल पूरा हो जाएगा।
Published on:
14 Nov 2024 03:23 pm
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