भोपाल के प्रकाश तरण पुष्कर में मास्टर ट्रेनर्स तैराकी स्पर्धा आयोजित की गई थी। मंगलवार को प्रतियोगिता का समापन हो गया लेकिन यहां आए कई सीनियर तैराकों का जज्बा शायद ही कोई कभी भूल सकेगा। मप्र तैराकी संघ के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय प्रतियोगिता में कई राज्यों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए दंपत्ति आनंद और कृष्णा शेखावत जयपुर से मोटर साइकिल से भोपाल आए। वे कहते हैं कि जीवन चलने का नाम है, इसलिए हम पति पत्नी बाइक से ही घूमते हैं। विशाखापट्टनम से कोलकाता तक की 8000 किमी की सबसे लंबी यात्रा कर चुके हैं। आऩंद शेखावत 8 बार मास्टर्स प्रतियोगिता जीत चुके हैं।
प्रतियोगिता में आईं पुणे की 75 वर्षीय कालिन्दनी की हिम्मत और हौसला देख तो सभी दंग रह गए। उनकी एंजियोप्लास्टी हो चुकी है फिर भी तैराकी का जुनून उन्हें यहां ले गया। दो साल बाद स्विमिंग पूल में उतरीं कालिन्दनी ने जोरदार प्रदर्शन कर न केवल 5 पदक जीते बल्कि सबका दिल भी जीत लिया। कालिन्दनी तैराकी में नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं।
80 साल से ज्यादा की उम्र की राजलक्ष्मी तो उनके शिष्यों के साथ पूल में उतरीं। तीन पीढ़ियों के तैराक उन्हें गुरु-मां कहकर सम्मान देते हैं। राजलक्ष्मी ने पुरुषों के साथ भाग लिया और दमखम व फुर्ती दिखाते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में कई स्क्ल्डि पुरुष तैराकों को पछाड़ते हुए उन्होंने रजत पदक हासिल किया।