
इस राज्य में 11 महीने में हुए 956 साइबर अपराध, ऑनलाइन खामियों के चलते हुई लाखों की ठगी
भोपाल. मध्य प्रदेश में साइबर ठगों की धरपकड़ के लिए राज्य साइबर सेल विशेष अभियान चलाएगी। साइबर क्राइम के गढ़ बने पश्चिम बंगाल व ओडिशा में आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। ये बात राज्य साइबर सेल के एडीजी योगेश देशमुख ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। उन्होंने बताया कि, इस साल 30 नवंबर तक राज्य साइबर सेल समेत चारों जोनल कार्यालयों में 956 साइबर केस दर्ज हुए। इनमें 52 प्रतिशत फाइनेंशियल धोखाधड़ी के तो 21 फीसदी सोशल मीडिया से संबंधित थे। उन्होंने कहा, अब प्रदेश में मोबाइल साइबर फॉरेसिंक वैन और साइबर कम्पलेंट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया जा रहा है।
एमपी ऑनलाइन के सर्वर में खामियों का फायदा उठाकर 30 लाख की ठगी करने के मामले में राज्य साइबर सेल ने तीन आरोपियों को पकड़ा है। एसपी रियाज इकबाल के मुताबिक, संदीप राजावत ने बताया था कि 26 मार्च को एमपी ऑनलाइन के इंटरनल वॉलेट से 1.91 लाख निकाले गए। 11 दिसंबर को हुई दूसरी शिकायत में बताया कि ठग ने कियोस्क का वॉलेट रिचार्ज कर 26.79 लाख की ठगी की। साइबर सेल ने मामले में ग्वालियर के अभिषेक नरवरिया (26), शत्रुघन शर्मा (38) और आरती राजपूत (30) को गिरफ्तार किया। पता चला कि अभिषेक साइबर एक्सपर्ट है। आरोपियों ने सतना-ग्वालियर जिले के 11 कियोस्क संचालकों का वॉलेट रिचार्ज किया और उनसे पैसे लिए।
इन जिलों में फॉरेंसिक लैब शुरू
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश में ग्वालियर, छिंदवाड़ा, रतलाम, उज्जैन, खरगोन, जबलपुर, बालाघाट, सागर, शहडोल, मुरैना, होशंगाबाद, रीवा और इंदौर में फॉरेंसिक लैब शुरू की गई है।
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Published on:
28 Dec 2021 06:31 pm
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