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डेढ़ साल के बच्चे की आंख में घुस गई ‘चार्जर पिन’, डॉक्टर बने ‘भगवान’

MP News: बच्चे की छह घंटे की तैयारी के बाद रविवार सुबह-सुबह सफल सर्जरी कर आंख की रोशनी बचाई गई।

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(सोर्स: सोशल मीडिया)

(सोर्स: सोशल मीडिया)

MP News: हरदा के डेढ़ साल के बच्चे की आंख में खेलते समय मोबाइल चार्जर की पिन घुस गई। हालत गंभीर देखते हुए उसे भोपाल रेफर किया गया। शनिवार शाम 7 बजे भोपाल पहुंचे परिजन शहर के तीन बड़े अस्पतालों में भटकते रहे, लेकिन सभी ने इमरजेंसी सर्जरी से इनकार कर दिया और परिजनों से कहा कि डॉक्टर जा चुके हैं और रविवार को छुट्टी रहेगी।

परिजन 3 से चार घंटे भटकने के बाद हमीदिया अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी विभाग के डॉक्टर ने बच्चे की स्थिति देखते ही कॉर्निया स्पेशलिस्ट डॉ. भारती आहूजा को सूचना दी। यहां बच्चे की छह घंटे की तैयारी के बाद रविवार सुबह-सुबह सफल सर्जरी कर आंख की रोशनी बचाई गई।

बच्चों की सुरक्षा के लिए सावधानी

छोटे बच्चों की पहुंच से चार्जर, पिन, कैंची, पेन जैसी नुकीली चीजें दूर रखें। मोबाइल चार्जर हमेशा सॉकेट से निकालकर सुरक्षित जगह रखें। घर पर बच्चों को खेलते समय निगरानी जरूरी है।

इमरजेंसी में क्या करें

आंख में कोई नुकीली चीज घुस जाए तो खुद निकालने की कोशिश न करें। तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचें और विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं। देरी से इन्फेक्शन और रोशनी जाने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

ऑपरेशन में देरी से रोशनी जाने का था खतरा

कॉर्निया स्पेशलिस्ट डॉ. भारती आहूजा ने बताया कि बच्चे की जांच में कॉर्नियल टियर की समस्या देखने को मिली थी। इस स्थिति में सर्जरी देर से होने पर इन्फेक्शन का खतरा रहता है, जो आगे चलकर किसी गंभीर परेशानी का कारण बन सकता था। बच्चा सिर्फ डेढ़ साल का है। ऐसे में उसकी सर्जरी के लिए जनरल एनेस्थीसिया देना पड़ा।