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‘अग्निवीर’ परीक्षा में शामिल होने चला था घर से, UP में फर्जी मुठभेड़ में लगी गोली, इलाज के दौरान मौत

पुलिस का तर्क था कि, आरोपी ट्रेक्टर से उन्हें रौंदने वाला था, इसलिए उसका एनकाउंटर किया, जबकि परिवार ने बताया कि, आकाश का गाड़ी चलानी ही नहीं आती थी।

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'अग्निवीर' परीक्षा में शामिल होने चला था घर से, UP में फर्जी मुठभेड़ में लगी गोली, इलाज के दौरान मौत

मध्य पदेश के मुरैना जिले में रहने वाले युवक आकाश की उत्तर प्रदेश के आगरा में हुई पुलिस फायरिंग में मौत को लेकर एक के बाद एक कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि, मुरैना के गड़ौरा का रहने वाला आकाश गुर्जर अग्निवीर भर्ती में शामिल होने के लिए मुरैना से आगरा अपने चचेरे भाई के पास जा रहा था। वहीं पुलिस की तरफ से रेत माफियाओं के खिलाफ हुए एक कथित मुठभेड़ में उसे गोली लग गई। इसके बाद मामला यहीं शांत नहीं हुआ। पुलिस ने आकाश के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज कर लिए। इसी बीच 48 दिन तक अस्पताल में गोलियों से छलनी आकाश ने इलाज के दौरान आखिरकार दम तोड़ दिया।

मामले को लेकर आकाश के परिवार के लोगों का कहना है कि, सुबह 6.30 बजे आगरा से पहले कुर्रा तिराहे के पास आकाश लघुशंका के लिए उतरा था। इतने में कुछ पुलिस वाले सिविल ड्रेस में उसके पास आए और उसे गोली मार दी। परिजन का कहना है कि, उसे तीन गोलियां मारी गईं, जिसमें से दो उसकी जांघ पर लगीं और एक पेट पर लगी थी। 48 दिन तक वो अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ता रहा।

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परिवार ने बताया फर्जी एनकाउंटर

आकाश की मां ममता गुर्जर का कहना है कि, आकाश बाथरूम करने उतरा था, पीछे से सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मियों ने उसे गोली मार दी। आकाश की मां ने आगरा कोर्ट में केस दर्ज कर एनकाउंटर फर्जी होने का दावा पेश किया है। साथ ही घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। वहीं, दूसरी तरफ कोर्ट ने मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही है।

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पुलिस की थ्योरी फर्जी

आकाश के मामले में जिरह कर रहे वकील भारतेन्द्र सिंह ने कहा है कि न्यायालय ने हमारे पक्ष को माना है, सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग के निर्देशों को माना है. इसमें जांच हो इंडिपेंडेंट एजेंसी जांच करेगी। बता दें कि, इस मामले में एक तरफ पुलिस का तर्क है कि, मृतक आकाश घटना के दिन रेत माफियाओं के लिए टैक्टर चला रहा था, जबकि मतक के परिजन का दावा है कि, उनके बेटे को ट्रैक्टर चलाना आता ही नहीं था। वहीं, उस बस ड्राइवर ने भी आकाश की बस में सफर करने की पुष्टि कर दी है। बस चालक ने पुष्टि कर दी है कि, आकाश नामक युवक बस में सवार होकर मुरैना से आगरा जा रहा था। ऐसे में रेत से भरा हुआ ट्रैक्टर चलाते हुए पुलिसवालों को रौंदने की कोशिश कैसे कर सकता है। कोर्ट ने इस आधार पर पुलिस की इस थ्योरी को फर्जी करार देते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने के आदेश दिए हैं।