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AIIMS रिसर्च में खुलासा: मोबाइल पर ‘लंबी बातचीत’ करने वाले सावधान !

MP News: एम्स के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग के अतिरिक्त प्राध्यापक डॉ. अविनाश ठाकरे द्वारा किए गए अध्ययन में कई तथ्य सामने आये।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: क्या आप घंटों मोबाइल पर बात करते हैं या झुककर उसका उपयोग करते हैं, तो सावधान हो जाइए। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के एक हालिया अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि लंबे समय तक स्मार्टफोन के उपयोग से गर्दन और पीठ की मांसपेशियां जकड़ सकती हैं और उनमें दर्द बढ़ सकता है। एम्स के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग के अतिरिक्त प्राध्यापक डॉ. अविनाश ठाकरे द्वारा किए गए अध्ययन में यह तथ्य सामने आया।

राष्ट्रीय सम्मेलन में रिपोर्ट पेश

यह अध्ययन शरीर क्रिया वैज्ञानिकों और औषधि वैज्ञानिकों के संगठन के 71वें वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन 2025 में जेएनएमसी बेलगावी में मौखिक रूप से प्रस्तुत किया गया। इस शोध टीम में प्रोफेसर (डॉ.) संतोष वाकोडे, डॉ. राजय भारशंकर, डॉ. संदीप हुल्के और डॉ. अंशुल राय शामिल रहे।

नियमित व्यायाम करें, मोबाइल का सीमित उपयोग करें

डॉ. अविनाश ठाकरे ने सलाह दी है कि लंबे समय तक मोबाइल पर बात करने से बचें और गर्दन-पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित व्यायाम करें। उन्होंने कहा कि थोड़े-थोड़े अंतराल पर गर्दन और कंधे की हल्की स्ट्रेचिंग करें। इससे मांसपेशियों की जकड़न और दर्द में राहत मिलती है।