
हो जाएं सतर्क : इम्यूनिटी बूस्टर का मनमाना इस्तेमाल तेजी से बढ़ा रहा ये गंभीर बीमारी
भोपाल. कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन आने के बाद राजधानी भोपाल में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। शनिवार को शहर में 986 नए मरीज सामने आए हैं। ऐसे में लोगों ने अपने मन से इम्यूनिटी बूस्टर्स लेना शुरू कर दिया है। लेकिन, मनमाने तरीके से लिए जा रहे इम्यूनिटी बूस्टर डायबिटीज के मरीज बढ़ा रहे हैं। इसके कारण शरीर में हार्मोनल बैलेंस बिगड़ रहा है, जिससे जो पहले से शुगर के मरीज हैं, उनमें कई प्रकार की अनियमितताएं पैदा हो रही हैं और कईलोग नए डायबिटीज मरीज बन रहे हैं। क्योंकि ये सीधे पेंक्रियाज की बीटा सैल्स के काम को प्रभावित कर रहे हैं जो इंसुलिन प्रभावित करती हैं।
राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल की ओपीडी में हर सप्ताह 25 से 30 नए डायबिटीज मरीज पहुंच रहे हैं। पहले यह सख्या 10 से 15 होती थी। विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड काल में जिन लोगों को कोरोना हुआ और जिन्हें नहीं हुआ दोनों ही डायबिटीज के आसान शिकार बन रहे हैं, जो लोग कोरोना से पीड़ित हुए उनके पेंक्रियाज पर कोरोना वायरस ने असर डाला। इसके साथ इसके उपचार के दौरान उन्हें स्टीरॉयड दिए गए। इससे इंसुलिन का स्त्राव प्रभावित हुआ और उनकी ब्लड शुगर का लेवल बढ़ गया।
दूसरी और जो कोरोना से पीड़ित तो नहीं हुए लेकिन उससे बचने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए मनमाने तरीके से इम्यूनिटी बूस्टर दवाएं खा रहे हैं। बिना जरूरत के जब शरीर में कोई दवा जाती है तो यह उसकी प्राकृतिक क्रियाओं को बिगाड़ देती हैं।
दोगुनी हुई इम्यूनिटी बूस्टर की खपत
तीसरी लहर के चलते पिछले 15 दिन में इम्यूनिटी बूस्टर्स की बिक्री दोगुनी हो गई है। इनमें आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दोनों शामिल हैं। विटामिन और मिनरल्स की गोलियां, कई विशेष तौर पर इम्यूनिटी बूस्टर्स के नाम से आई दवाएं लोग जमकर खरीद रहे हैं। कुछ घर में स्टोर करने के लिए थोक में भी खरीद रहे हैं। क्योंकि, पिछली बार इनकी कुछ शॉर्टेज हो गई थी। मेडिकल स्टोर संचालक अमित कुमार के अनुसार, इम्यूनिटी बूस्टर्स की बिक्री अभी काफी बढ़ गई है। हम डॉक्टर के पर्चे के अनुसार ही देते हैं, लेकिन लोग आनलाइन मंगाकर भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
विशेषज्ञ का मत : कोरोना और बूस्टर्स ने प्रभावित किया डायबिटीज
गांधी मेडिकल कॉलेज के एंडोक्राइनोलोजिस्ट और डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. मनुज शर्मा के अनुसार, कोरोना संक्रमण के दौर में स्टीरॉयड और वायरस के असर के कारण डायबिटीज के मरीज बढ़े थे। उनमें से कुछ की शुगर तो नियंत्रित हो गई, लेकिन कुछ डायबिटिक हो गए। बिना डॉक्टर की सलाह के लिए गए इम्यूनिटी बूस्टर सीधे पेंक्रियाज की बीटा सैल्स को प्रभावित कर रहे हैं, जिनसे शुगर को नियंत्रित करने वाला इंसुलिन प्रभावित होता है। इससे डायबिटीज की बीमारी बढ़ रही है। इसलिए बिना परामर्श अनावश्यक इम्यूनिटी बूस्टर नहीं लें। खानपान और लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव कर इम्यूनिटी भी बढ़ा सकते हैं और डायबिटीज से भी बच सकते हैं। डायबिटीज पर नियंत्रण के लिए स्मार्ट इंसुलिन पर रिसर्च जारी है।
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Updated on:
15 Jan 2022 08:39 pm
Published on:
15 Jan 2022 08:32 pm
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