
Artificial Intelligence : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का प्रदूषण कम करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एआई की मदद लेगा। हवा साफ करने से लेकर कचरे के निपटाने तक में मदद ली जाएगी। इसके लिए सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया। मॉनिटरिंग के लिए सैटेलाइट की मदद लेंगे।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु और जल प्रदूषण के आंकड़े जुटाने के साथ इसे निपटने के तरीके भी बताएगा। साथ ही वायु और जल प्रदूषण के डाटा जुटाए जाएंगे। डाटा के आधार पर प्रदूषण से निपटने के तरीके के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए सर्विलांस सिस्टम विकसित किया है।
बारिश थमने के साथ शहर की हवा बिगड़ने लगी है। एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से पार मापा गया। इस सीजन में यह सबसे ज्यादा है। वायु मॉनिटरिंग के लिए शहर में तीन स्थानों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सिस्टम लगाए हैं। इनमें एक कलेक्ट्रेट परिसर में रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 114 था। इसके अलावा टीटी नगर में इसे 94 मापा गया वहीं पर्यावरण परिसर में एक्यूआई 84 रहा। वायु प्रदूषण का कारण धूल कण बताए जा रहे हैं।
वेस्ट मॉनिटरिंग के लिए भी पीसीबी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। कचरा उठने से लेकर कचरे के डिस्पोज होने तक बोर्ड पूरा रिकार्ड रखेगा। प्रदेश में 30 ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड हैं। वहीं राजधानी में इनकी संख्या 7 हैं। जीपीएस से जोड़ते हुए सैटेलाइट मैपिंग की जा रही है।
-114 कलेक्ट्रेट
-95 टीटी नगर
-84 पर्यावरण परिसर
-50 ने नीचे होने पर बेहतर
-100 से अधिक होने का अर्थ
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ ब्रजेश शर्मा का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डाटा जुटाने और उनकी मॉनीटरिंग के लिए काम कर रहा है। इसमें तकनीक का भी इस्तेमाल हो रहा है। एआई भी उपयोग शुरू किया जाएगा। डाटा एनालाइसिस के बाद प्रदूषण से निपटने के तरीकों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।
Updated on:
23 Sept 2024 04:25 pm
Published on:
23 Sept 2024 12:19 pm
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