
Biggest Donor : अंगदान… को महादान कहा जाता है। इस तरह आप खुद मरने के बाद भी किसी दूसरे शख्स के शरीर में जीवित रहते हैं। यही नहीं, इस तरह दुनिया से विदा होकर भी एक शख्स दूसरे इंसान को एक नया जीवन दे सकता है। अबतक आपने अपने आसपास ऐसे कई लोग देखें होंगे, जिन्होंने अपने मरने के बाद अंगदान करने की इच्छा रखी होगी। कई लोगों के मरने के बाद उनके अंगदान किए जाते हैं। लेकिन, मध्य प्रदेश के सतना जिले से पिछले साल अलग होकर बने नए जिले मैहर से अंगदान का एक अनोखा मामला सामने है। यहां एक शख्स जिंदा रहते हुए अपने अंगदान करना चाहता है।
जिले के रामनगर इलाके में रहने वाला एक शख्स अपने जीवित शरीर से ही उन अंगों को दान करना चाहता है, जिसके बिना या कम होने पर भी वो जीवित रह सकता है। इसके लिए शख्स ने रामनगर अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिखकर जीवित अवस्था में अंगदान करने की अनुमति तक मांग ली है। ये भी बता दें कि एसडीएम से पत्र के जरिए अनुमति मंगने वाला दानवीर रामनगर तहसील कार्यालय में बतौर चौकीदार कार्यरत हैं। उनका नाम सरोज कुमार कोरी है।
हालांकि, सरोज कुमार कोरी की ओर से एसडीएम को लिखा पत्र अबतक SDM कार्यालय तक तो नहीं पहुंचा, पर सोशल मीडिया पर जमकर वायरव होने लगा है। जानकारी के अनुसार, रामनगर तहसील कार्यालय में चौकीदार के रूप में सेवाएं दे रहे सरोज कुमार कोरी 55 वर्ष के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के नाम पर पत्र लिखा गया है। पत्र में उन्होंने अपने दोनों हाथ, पैर, आंख, फेफड़ा और किडनी देने की इच्छा जताई है। ये भी कहा कि, ये ऐसे अंग हैं, जिनके दान के बाद भी वो जीवित रह सकते हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि, वो ये फैसला अच्छी तरह सोच समझकर अपने परिवार की सहमति से ले रहे हैं।
जीवित अवस्था में अपने अंगों का दान करने की इच्छा रखने वाले सरोज कुमार कोरी रामनगर के वार्ड नंबर-5 में रहते हैं। उनकी पत्नी पार्वती कोरी ग्राम पंचायत सोनाड़ी की सरपंच है। परिवार में 3 बेटे और 1 बेटी है। वो काफी समय से विभागीय अधिकारियों को पत्र के माध्यम से जानकारी देना चाहते थे, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने ये पत्र सोशल मीडिया के जरिए एसडीएम को भेजा है।
जीवित रहते हुए अंग दान करने के इच्छा रखने वाले सरोज कुमार कोरी से जब मीडिया द्वारा पत्र वायरल होने के बाद सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि मौत तो एक दिन आनी ही है। मरने के बाद शव नष्ट कर दिया जाएगा। मेरी इच्छा है कि मैं अपने अंग खुद दान करूं ताकि जो भी जरूरतमंद हैं, उनका चयन में स्वयं करूं। उन्हें नया जीवन मिलते देख सकूं। मेरे अंग किसी के काम आएं, इसमें मुझे खुशी होगी। इस खुशी का अहसास में जिंदा रहते हुए करना चाहता हूं। उन्होंने ये भी बताया कि वे एक बीमारी की चपेट में हैं। दो बार किसी प्रकार जान बच चुकी है, फिर भी बीमारी लगातार बढ़ रही है। इसलिए भी जल्द से जल्द अपने अंग दान करने की इच्छा रखता हूं।
पत्र वायरल होने के बाद मैहर एसडीएम शैलेंद्र सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जीवित अवस्था में मात्र स्वेच्छा से अपने अंगदान नहीं कर सकता। अंग दान मृत अवस्था में किया जाता है। ऐसी स्थिति में परिवार की सहमति के बाद सर्वोच्च न्यायालय वा शासकीय नियम के बाद ही अंगदान किया जा सकता है। हालांकि, राजस्व विभाग के कर्मचारी की जो भी परेशानी या बीमारी है, हम पहले मिलकर उसे दूर करने का प्रयास करेंगे।
Updated on:
23 Sept 2024 11:06 am
Published on:
23 Sept 2024 10:58 am
बड़ी खबरें
View Allसतना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
