
इन बातों को नज़रअंदाज़ करने से होता है थायराइड, जानिए इसका बेस्ट ट्रीटमेंट
भोपालः भागदौड़ भरे इस जीवन में सेहत का पूर्ण रूप से ध्यान रख पाना हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता। ऐसे में थायराइड की बीमारी होना एक आम समस्या बन गया है। बता दें कि, थाइराइड गले में मौजूद एक एक ग्रंथि है, जो शरीर में थायरोक्सिन नामक हार्मोन बनाती है। यह हार्मोन चयापचय प्रक्रिया को सही रखने में मददगार होता है>तो आप समझ सकते हैं कि अगर थायरॉइड ग्रंथि सही से काम कर रही है तो यह आपके मेटाबॉलिज्म यानी भोजन को ऊर्जा में बदलने के काम को बेहतर तरीके से अंजाम दे सकते हैं। लेकिन जैसे ही थायरॉइड हार्मोन कम या ज्यादा होता है, जिसके कारण हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
दो प्रकार का होता है थायराइड
थायराइड दो तरह का होता है। पहला थायरोक्सिन हार्मोन हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) जिसकी कमी के कारण अकसर बच्चों में बौनापन और वहीं बड़ों में सबकटॅनेअस चरबी बढ़ जाती हैं। दूसरी तरह के थायराइड को हायपरथायरोडिज्म (Hyperthyroidism) में गण्डमाला हो जाता है। हालांकि, इस तरह का थायराइड अब लोगों में काफी कम ही देखा जा रहा है।
इसलिए होता है थायराइड
थायरोक्सिन की निष्क्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म हो सकता हैं। आयोडीन की कमी के चलते थकान, सुस्ती होने लगती है। ये शरीर में मौजूद होर्मोंस के असंतुलन के कारण होता है। इन समस्याओं के शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से लेते हुए इसका इलाज कर लिया जाए, तो ठीक है। वरना ये समस्या बढ़ कर गंभीर मायक्झोएडेमा पैदा कर सकता है। इसमें स्किन और ऊतकों में सूजन की शिकायत हो सकती है, जो धीरे धीरे एक गंभीर रूप धारण कर लेती है।
अश्वगंधा से करें थायराइड का इलाज
आयुर्वेद में आज हर गंभीर से गंभीर समस्या और बीमारी का इलाज है। लगभग हर बीमारी और समस्या का इलाज आयुर्वेदिक में उपलब्ध है। आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. आयुष्मान गुप्ता ने बताया कि, आयुर्वेद में थायराइड का बेहतर इलाज है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि, थायराइड के उपचार के लिए अश्वगंधा एक बेहद ही कारगर औषधि माना गया है। अश्वगंधा को आप दोनों ही तरह के थायराइड में इस्तेमाल कर सकते हैं।
अश्वगंधा के फायदे
अश्वगंधा एक प्राकृतिक और शक्तिवर्धक औषधि है, जिसके नियमित इस्तेमाल से गंभीर से गंभीर स्तर की थाइरॉइड पर नियंत्रण पा सकते हैं। अश्वगंधा का फल ही नहीं आप इसकी पत्तियां (कोपल) या जड़ को ही उबालकर पी सकते हैं। यही नहीं अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है, जिसे चिकित्सक कैंसर का भी रामबाड़ उपचार मानते हैं।
इस तरह अश्वगंधा से करें थायराइड का उपचार
डॉ. आयुष्मान गुप्ता ने बताया कि, थायराइड की समस्या से निजात पाने के लिए आपको करीब 200 से 1100 मिलीग्राम अश्वगंधा चूर्ण लेकर उसे काली चाय या गर्म पानी में मिलाकर इस्तेमाल गुनगुना पिया जाता है। आप चाहें तो इसमें तुलसी के पत्ते भी मिला लें, इससे आपके शरीर को पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट्स भी मिल सकते हैं। वही, हायपोथायरायडिज्म का इलाज भी अश्वगंधा से ही किया जा सकता है, लेकिन इसके इस्तेमाल का तरीका कुछ अलग होगा। इसके लिए आपको महायोगराज गुग्गुलु और अश्वगंधा को एक साथ इस्तेमाल करें। कुछ ही दिनों में इसके फायदे आपके सामने होंगे।
अश्वगंधा के अन्य फायदे
-अश्वगंधा का नियमित इस्तेमाल 40 से 50 साल की उम्र में भी व्यक्ति को ऊर्जावान बना सकता है।
-अश्वगंधा के नियमित सेवन से उम्र का एक पड़ाव पार करने वाले व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
-अश्वगंधा शरीर के हार्मोन इंबैलेंस को संतुलित रखने में मददगार होता है। टेस्टोस्टेरोन और एण्ड्रोजन हार्मोन को बढ़ाने में अश्वगंधा काफी मददगार साबित हुआ है।
नोटः
ये लेख सामान्य जानकारी के लिए है। इसलिए पत्रिका इस लेख में दिए गए फेक्ट्स की पुष्टी नहीं करता।
Updated on:
30 May 2019 01:52 pm
Published on:
30 May 2019 01:42 pm
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