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पेगासस मामले में पीएम पर प्रहार, कमलनाथ बोले- 15 दिनों में सामने आएंगे कई राज

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने पेगासस मामले में केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए

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भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने पेगासस मामले में केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कमलनाथ ने इस मामले में खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने साफतौर पर कहा कि पेगासस के बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर मोदी सुरक्षा का काम किया गया. कमलनाथ ने इस मामले में केंद्र सरकार से कोर्ट में शपथपत्र देने की भी मांग की.

कमलनाथ ने सोमवार को बाकायदा प्रेस कान्फ्रेेंस बुलाकर पेगासस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा. हालांकि उन्होंने शुरुआत महंगाई से की और पैट्रोल—डीजल की कीमतों का जिक्र करते हुए केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों को कठघरे में खडा किया पर जल्द ही अपने असली मुद्दे पर उतर आए. कमलनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा— पेगासस का मामला अगले 15 दिनों में और उजागर होगा.

उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट और गार्जियन जेैसे अखबारों का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रकाशित खबरों से सच सामने आ चुका है. पेगासस का स्पेशल सॉफ्टवेयर आता है और दुनियाभर में इसका लायसेंस सरकारें ही खरीद सकती हैं. कमलनाथ ने साफतौर पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदीजी की राजनीतिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर देश के नेताओं और पत्रकारों की जासूसी की है.

उन्होेंने कहा कि यदि केंद्र सरकार की नीयत साफ है तो वह कोर्ट में स्पष्ट शब्दों में कहे कि हमने यह लायसेंस नहीं खरीदा. उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर बताया गया है कि आपका फोन सर्विलांस पर है, ऐसा अन्य कई नेताओं को लिखा गया है. पेगासस का सॉफ्टवेयर सीधे मोबाइल फोन से ईमेल, पासवर्ड, चैट्स, मैसेजेस आदि निकाल लेता है. बिना सरकार की परमिशन के ये संभव ही नहीं है. यदि ये तथ्य गलत हैं तो भारत सरकार को इससे संबंधित खबरें प्रकाशित करनेवाले वाशिंगटन पोस्ट जैसे अखबारों पर केस करना चाहिए.

कमलनाथ ने कहा कि इस मामले मेें सरकार गोलमाल जवाब दे रही है. उन्होंने मांग कि सरकार साफ कहे कि हमने न कोई सॉफ्टवेयर खरीदा और न ही कोई लायसेंस लिया. कमलनाथ ने मामले की सुप्रीम कोर्ट जज से जांच करवाने की भी मांग की. ये शर्त भी रखी कि जज की नियुक्ति विरोधी दलों की सहमति से ही की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक सरकार को गिराने में भी पेगासस का उपयोग किया गया. ये बातें अब छिपनेवाली नहीं हैं, सब बातें सामने आएंगी.

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