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भोपाल

आयुष्मान योजना में करोड़ों का घोटाला उजागर, इन अस्पतालों की मान्यता निरस्त, इन पर हो रही कार्रवाई

आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध मध्य प्रदेश के 620 निजी अस्पतालों में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है। करीब 120 करोड़ रुपए का यह घोटाला इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर समेत प्रदेश के कई नामी निजी अस्पतालों में सामने आया है।

भोपालDec 05, 2022 / 12:13 pm

Sanjana Kumar

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भोपाल। आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध मध्य प्रदेश के 620 निजी अस्पतालों में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है। करीब 120 करोड़ रुपए का यह घोटाला इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर समेत प्रदेश के कई नामी निजी अस्पतालों में सामने आया है। मामले में भोपाल और जबलपुर के कुछ अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैयार कराई गई एक जांच में यह खुलासा हुआ है।

15 अस्तपतालों को नोटिस जारी
घोटाले के बाद सकते में आया स्वास्थ्य विभाग अब इन निजी अस्पतालों पर जुर्माना लगाकर वसूली कर रहा है। विभाग ने 15 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कुल 104 अस्पतालों से जुर्माना वसूली के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। वहीं भोपाल के वैष्णव मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई है। अस्पताल की आयुष्मान योजना की संबद्धता भी समाप्त कर दी गई है। वहीं अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया।

इन अस्पतालों को जारी किए नोटिस
भोपाल के आयुष्मान भारत अस्पताल, राजदीप अस्पताल, वीसीएच अस्पताल, किशनानी अस्पताल, जीवनश्री अस्पताल, नवोदय अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर। जबलपुर का जीवन ज्योति अस्पताल एनटीपीसी गाडरवाड़ा, आदित्य सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर, सेठ मन्नूलाल जगन्नाथ दास ट्रस्ट अस्पताल। गुना का सहयोग अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर प्रालि, राम हाइटेक अस्पताल, आरआर हाइटेक अस्पताल, मीनाक्षी अस्पताल। मुरैना का राधे कृष्ण अस्पताल और भिंड के बीएम अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। इन अस्पतालों से अधिक बिलों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

104 अस्पतालों से वूसला जा रहा है जुर्माना
प्रदेश के 104 अस्पतालों से जुर्माना वसूला जा रहा है। इनमें बीआइएमआर अस्पताल ग्वालियर, बाम्बे अस्पताल रिसर्च सेंटर जबलपुर, कैंसर अस्पताल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट जन विकास न्यास ट्रस्ट, केयर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, सेंट्रल, चिरायु हेल्थ एंड मेडिकल प्रलि, चिरायु मेडिकल कालेज एंड चेरिटेबल, फाउंडेशन, सीएसएस एप्पल मल्टीस्पेशियलिटी, सिटी अस्पताल, सिटी अस्पताल दमोह, सिटी अस्पताल जबलपुर, धर्मलोक अस्पताल प्रलि, डीएनएस अस्पताल प्रलि, गैलेक्सी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जबलपुर, जीडी अस्पताल रतलाम, गीता अस्पताल उज्जैन, ग्लोबल स्पेशियलिटी, ग्रेटर कैलाश अस्पताल प्रलि, गुप्ता नर्सिंग होम, गुरु आर्शीवाद, इंफिनिटी हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट ए यूनिट आफ आइएचआरसी जबलपुर, जेके अस्पताल एंड एनएल अस्पताल, जबलपुर अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, जेश अस्पताल शाजापुर, जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, जय आरोग्य, जेके, कैलाश सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ग्वालियर, एलबीएस, लीलावती मेमोरियल अस्पताल भोपाल, लाइफ मेडिकल अस्पताल, एकेजी हाइटेक अस्पताल अशोकनगर, लोटस, महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, माहेश्वरी नर्सिंग होम, मार्बल सिटी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, मेडिस्क्वर मेट्रो अस्पताल एंड कैंसर रिसर्च सेंटर जबलपुर, एमजीएम अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर कटनी, मिरेकल्स अस्पताल, मिशन अस्पताल दमोह, मिताली अस्पताल बाालाघाट, मोहनलाल हरगोविंद पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट, मोना अस्पताल, एमपी बिरला अस्पताल सतना, भोपाल का एके अस्पताल, आधार, अजय, अक्षय, ऑल इज वेल मल्टीस्पेशियलिटी, अमलतास इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस देवास, अर्मिता अस्पताल, आनंद, अपेक्स, आराधना मल्टीस्पेशियलिटी एंड किडनी, अरेरा ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर, आयुष्मान भारत, बाालाजी चिल्ड्रन, बंसल, भोपाल केयर, मल्टीकेयर अस्पताल भोपाल, नागपुर अस्पताल, नर्मदा अपना अस्पताल होशंगाबाद, नर्मदा ट्रामा सेंटर भोपाल, नवजीवन अस्पताल भोपाल और ग्वालियर, न्यूरो ट्रामा सेंटर एंड मल्टी स्पेशियलिटी, निरामय, पालीवाल, पांडेय, पाटीदार सेंटर एंड मल्टीस्पेशियलिटी मंदसौर, पाटीदार अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, पीपुल्स सेंटर अस्पताल प्रालि, प्राइम अस्पताल देवास, राम हाइटेक, आरडी गार्डी मेडिकल कालेज एंड सीआर गार्डी अस्पताल, रीवा अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, आरजेएन अपोलो स्पेशल, आरकेडीएफ मेडिकल कालेज अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, रोशन, सागरश्री अस्पताल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट प्रलि, सहारा फ्रैक्चर एंड जनरल अस्पताल, संस्कारधानी अस्पताल, प्रालि, सराफ, सर्वोत्तम, सेठ मन्नूलाल जगन्नाथदास ट्रस्ट अस्पताल, सेवा सदन आइ अस्पताल, शेल्बी अस्पताल, शांता नर्सिंग होम, श्रीगुरुनानक अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, श्रीसाईं, सिंगरौली अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, एसएनजी, एसएसआइएमएस ग्वालियर, स्वास्तिक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, तृप्ति मल्टी स्पेशियलिटी एंड ट्रामा सेंटर, उबंतू अस्पताल भोपाल, उज्जैन चेरिटेबल ट्रस्ट, उज्जैैन आर्थो, वंदना अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर, विंध्या अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर शामिल है।

मिलीं शिकायतें
आष्युमान योजना के अंतर्गत 620 निजी अस्पतालों को तीन साल (वर्ष 2019 से जुलाई 2022 तक) में 1048 करोड़ 98 लाख 19 हजार 481 रुपए का भुगतान किया गया है। वर्ष वार किए गए भुगतान में अधिकांश निजी अस्पतालों में वित्तीय फर्जीवाड़ा और ज्यादा बिलिंग की शिकायतें मिली हैं।

 

कब कितनी राशि का भुगतान किया

वर्ष राशि
2021-22642 करोड़ 11 लाख सात हजार 377 रुपए
2020-21265 करोड़ 14 लाख 56 हजार 297 रुपए
2019-20141 करोड़ 72 लाख 55 हजार 807 रुपए

ऐसे की गड़बड़ी
जांच में कई तरह के चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। कई अस्पतालों में खुद के कर्मचारियों के नाम आयुष्मान कार्ड बनवा दिए गए थे और उन्हें मरीज बनाकर रकम निकाल ली गई। इसी तरह किसी मरीज का बिल 50 हजार का बना तो उसे बढ़ाकर दो लाख रुपए की राशि सरकार से वसूल ली जाती थी। ग्रामीण क्षेत्र के आयुष्मान कार्डधारियों को अस्पताल लाने के लिए जगह-जगह एजेंट नियुक्त किए गए थे।कुछ अस्पतालों इसे इन्हें जनसंपर्क अधिकारी का पदनाम दे दिया था। बिलिंग की राशि बढ़ाकर जांच के नाम पर खेल किया जाता था। महंगी-महंगी जांच के नाम पर बिल बना लिए जाते थे। जबलपुर के सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल द्वारा वेगा होटल में कार्डधारियों को प्रलोभन देकर रोका जाता था। इनके नाम पर फर्जी बिलिंग की जाती थी और फर्जी मरीजों को भी कुछ हजार रुपये दे दिए जाते थे। इसके संचालक डॉ. अश्विनी पाठक, दुहिता पाठक फिलहाल जेल में हैं। अब तक इन्होंने छह हजार फर्जी मरीजों के नाम पर आयुष्मान योजना से रकम निकाली थी।

जवाब देने से बच रहे जिम्मेदार
आयुष्मान योजना में गड़बड़ी के मामल में अधिकारियों से लेकर मंत्री तक सभी जिम्मेदार जवाब देने से बचते नजर आए।

इन अधिकारियों के कार्यकाल में हुई गड़बड़ी

पल्लवी जैन गोविलप्रमुख सचिव
मोहम्मद सुलेमानअपर मुख्य सचिव
प्रतीक हजेलाआयुक्त
संजय गोयलप्रमुख सचिव
आकाश त्रिपाठीआयुक्त
सुदाम खाड़ेआयुक्त
जे विजय कुमारसीईओ
अनुराग चौधरीसीईओ
सपना लोवंशीकार्यपालन अधिकारी

दो दिन पहले हटाए गए सीईओ
दो दिन पहले राज्य सरकार ने आयुष्मान योजना के सीईओ अनुराग चौधरी को हटाया है। दरअसल आयुष्मान योजना में गड़बड़ी को लेकर सरकार के पास कई स्तर से शिकायतें पहुंच रही थीं। सपना लोवंशी को भी सरकार ने कुछ दिन पहले हटाया था। इस बीच एक वीडिया इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुआ था, उसमें भी आयुष्मान योजना के तहत लंबित बिलों की राशि के भुगतान के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी।

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