
8 राज्यों के बाद अब इन राज्यों में भी E-Cigarettes पर लग सकता है प्रतिबंध
भोपाल/ मध्य प्रदेश समेत देश के सभी केन्द्र शासित राज्यों में भी ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगने की कवायद ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल, केन्द्रीय स्वास्थ मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, आयात, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाते हुए इस विषय पर कड़े कदम लेने का सुझाव दिया है। इसपर मंत्रिमंडल भी सेहमत नज़र आ रहा है। इसका उल्लंघन करने वालों को अधिकतम तीन साल की जेल और दोहराने वाले अपराधियों को 5 लाख रुपये के जुर्माने की सिफारिश की जानी है। सात राज्यों के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया गया इसके बाद मध्य प्रदेश में भी इसपर प्रतिबंध लगाने की मांग बढ़ गई है। कई समाज सेवी संस्थाएं और विपक्ष इसपर चिंतन करने पर जोर दे चुका है।
ये राज्य पहले ही लगा चुके हैं ई-सिगरेट पर रोक
बता दें कि, गुज़रे विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) के मौके पर राजस्थान की गहलोत सरकार ने ई सिगरेट पर बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में इसपर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, केरल, कर्नाटक, मिजोरम और उत्तर प्रदेश में भी ई-सिगरेट पर रोक लगाई जा चुकी है। हालांकि, अब केन्द्र सरकार द्वारा इसपर अध्यादेश बनाए जाने के बाद सभी केन्द्र शासित राज्यों को इसका पालन करना होगा। फिलहाल अब इंतेज़ार है इसपर किसी तरह के कदम उठाए जाने का। प्रदेश के समाज सेवी और स्वास्थ विशेषज्ञ केन्दर सरकार के युवाओं के स्वास्थ पर आधारित इस विचार को सराहनीय बता रहे हैं। समाज सुधारकों का मानना है कि, सरकार का का इस ओर चिंतन युवाओं में नशे की लत पर रोक लगाने की दिशा में कारगर कदम साबित हो सकता है।
ई सिगरेट से हैं ये नुकसान
शहर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक और हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि, धूम्रपान की लत छुड़वाने के लिए ई-सिगरेट को विकल्प के रूप में प्रचारित किया गया है, लेकिन ऐसा करके युवाओं को सिर्फ भ्रमित किया गया है। उन्होंने कहा कि, हालही में केन्द्र सरकार द्वारा इसपर समिति गठित करके अध्यन भी कराया गया, जिसमें सामने आया कि, ई-सिगरेट का सेवन आमजन के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ई-सिगरेट के अधिक सेवन से हृदय और फेफड़ों को काफी तेज़ी से नुकसान पहुंचता है। क्योंकि इसमें अल्ट्राफाइन पार्टिकल, विषैले पदार्थ और पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा काफी अधिक होती है। इसमें ग्लिसरीन होने की वजह से एक्यूट लंग इंजरी होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। ई-सिगरेट में ग्लाइकोल प्रोपाईलीन, निकोटिन, ग्लिसरॉल आदि पदार्थ पाए जाते हैं, जो दिमाग के लिए बेहद खतरनाक।
क्या है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट एक तरह का यंत्र होता है, जो एक सामान्य सिगरेट जैसा ही दिखाई पड़ता है। इसमें एक बैट्री और एक कारट्रिज होती है। कारट्रिज में निकोटीन युक्त तरल पदार्थ होता है, जो बैट्री की सहायता से गर्म होकर निकोटिन युक्त भाप देता है। इसे सिगरेट के धुंए की तरह लोग पीते हैं। ये एक बैटरी चालित उपकरण है, जो निकोटीन या गैर-निकोटीन के वाष्पीकृत होने वाले घोल की सांस के साथ सेवन की जाने वाली खुराक प्रदान करता है। ये सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे धुम्रपान वाले तंबाकू उत्पादों का एक विकल्प है।
Published on:
18 Sept 2019 01:53 pm
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