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भोपाल स्मार्ट सिटी का सपना टूटा, 1351 करोड़ खर्च करने के बाद भी शहर बेहाल

MP News- भोपाल स्मार्ट सिटी मिशन पर 1351 करोड़ खर्च हुए पर बारिश में जलभराव, सीवेज समस्या और अधूरे प्रोजेक्ट ने राजधानी को बेहाल कर दिया।

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भोपाल

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Akash Dewani

Aug 11, 2025

bhopal smart city failure 1351 crore wasted mp news

bhopal smart city failure 1351 crore wasted mp news (Patrika.com)

Bhopal Smart City: भोपाल स्मार्ट सिटी मिशन पूरा हो गया लेकिन राजधानी स्मार्ट नहीं हुई। बारिश में गलियों में पानी भरा है। सीवेज उफन रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट है कि बड़ा तालाब को छोडकर शहर के सभी जल स्रोतों में सीवेज का पानी बिना ट्रीटमेंट के गिर रहा है। हमारा शहर झीलों की नगरी के रूप में जाना जाता है, फिर भी सडकों से पानी नहीं निकल पा रहा है। बेतरतीब खुदाई और उनके मलबे के ढेर का उचित निस्तारण नहीं होने से गलियां बजबजा रही है।

बिना प्लानिंग बनायी योजना

28 जनवरी 2016 में भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने का वायदा किया 2024 में बीत चुर्व 2025 से केंद्र से किसी भी तरह की फंडिंग बंद है। अफसरों ने जमीनी स्थिति का आकलन किए बिना योजनाएं बनायीं। स्मार्ट सिटी के नाम पर बस्तियों को उजाड़ा, लेकिन शहर को कोई लाभ नहीं मिला। अफसरों ने 1351 करोड़ में से 663 करोड़ रुपए उन कामों में खपाए जो स्मार्ट सिटी के थे ही नहीं, बाकी 688 करोड़ के आधे प्रोजेक्ट भी ठप पड़े हैं। (MP News)

टीटी नगर अब भी बदहाल

342 एकड़ का टीटी नगर एबीडी (एरिया बेस्ड डेवलपमेंट) बदहाल है। यहां बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। सरकारी आवासों के जर्जर मकानों और खंडहरों में आए दिन मौतें हो रही हैं। इस प्रोजेक्ट पर करीब 471 करोड़ रुपए खर्च हुए। जबकि यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के मूल प्रोजेक्ट में शामिल ही नहीं थी। स्मार्ट सिटी कंपनी को राज्य व केंद्र से कुल 1000 करोड़ अनुदान मिला, उसमें से 725 करोड़ सरकारी मकान बनाने के प्रोजेक्ट पर खर्च किया। (MP News)

मौके पर 342 एकड़ जमीन भी

स्मार्ट सिटी डेवलप करने के लिए 342 एकड़ जमीन कंपनी मिली। इसमें 150 एकड़ जमीन स्कूल, अस्पताल, स्टेडियम और कई धार्मिक व साामजिक संस्थाओं को मिली है।

इनका नहीं मिला कोई लाभ नहीं

आईसीसीसी, भोपाल प्लस एप. साइकिल ट्रैक और स्मार्ट पोल का कोई लाभ नहीं मिला। एड्रेस सिस्टम फ्री वाई-फाई जैसे वायदे भी कागजों में चल रहे हैं।

महापौर ने कहा ये

महापौर मालती राय ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के विकल्प के रूप में केंद्र सरकार से अमृत प्रोजेक्ट की फंडिंग प्राप्त हो रही है। पार्षद निधि से वार्ड में 50 लाख रुपए तक के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा सकते हैं। इस प्रकार विकास कार्य में फंडिंग की कमी आड़े नहीं आएगी। प्रोजेक्ट के सभी कामों का मेंटनेंस कंपनी स्वयं भी कर रही है। (MP News)

यहां लुटाई जमकर राशि

  • 192 करोड़ रुपए नगर निगम के कार्य
  • 100 करोड़ रुपए 16 ट्रांसफर स्टेशन निर्माण
  • 100 करोड़ ट्रांजिट हाउस निर्माण, टैक्स आदि
  • 471 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी
  • 3.15 करोड़ रुपए रोड स्वीपिंग मशीन
  • 9.07 करोड़ रुपए बड़े तालाब का सौंदर्यीकरण
  • 40 करोड़ रुपए वेतन-भत्ते व स्थापना व्यय
  • 39 छोटे तालाब पर आर्च ब्रिज
  • 10 करोड़ रुपए न्यू मार्केट में प्लेस मेकिंग
  • 31.05 करोड़ रुपए तीन मल्टीलेवल पार्किंग
  • 2828 में से 915 कर्मचारियों को ही मकान