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अब लाइलाज नहीं रह गया हड्डी का कैंसर, इस तरह संभव है उपचार

हड्डी का कैंसर एक आम बीमारी बनता जा रहा है। लोगों को लगता है कि, इसका इलाज संभव नहीं है। लेकिन, आज हम आपको इसके उपचार के बारे में बता रहे हैं।

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अब लाइलाज नहीं रह गया हड्डी का कैंसर, इस तरह संभव है उपचार

भोपाल/ कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। ये कई प्रकार का होता है। इन्ही में से एक होता है बोन कैंसर, जब कैंसर कोशिकाएं हड्डियों में फैल जाती हैं, तो उसे हड्डियों का कैंसर कहते हैं। वैसे तो बोन कैंसर शरीर की किसी भी हड्डी में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर बोन कैंसर हाथ या पैरों की हड्डियों में होता है। बोन कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के हन में एक धारणा बन जाती है और वो ये कि, अब इसका इलाज हो ही नहीं सकता, लेकिन बोन कैंसर के मरीजों के लिए इसका पर्याप्त इलाज संभव है। तो आइये इसका इलाज जानने से पहले जानते हैं इसके लक्षण और प्रकार के बारे में ...।

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हड्डियों का कैंसर होने से पहले दिखने लगते हैं ये लक्षण

- बोन कैंसर की वजह से शरीर में भी बहुत दर्द होता है। खासकर कमर में।

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ये हैं कैंसर के प्रकार

बोन कैंसर कई प्रकार के होते हैं। जैसे बिनाइन बोन कैंसर। इस कैंसर के अंतर्गत बिनाइन ट्यूमर सिर्फ क्षतिग्रस्त हड्डियों में फैलता है और अन्य टिश्यू को नुकसान नहीं पहुंचता है। इसी तरह मैलिग्नेंट बोन कैंसर शरीर के अन्य अंगों मे फैलता है। जैसे फेफड़े और लिवर में। वहीं मेटास्टेटिक बोन कैंसर में किसी दूसरे अंग का कैंसर खून की नली द्वारा बहते हुए हड्डी में फंस जाता है और वहीं बढ़ने लगता है। फेफड़े, स्तन और प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित व्यक्तियों को मेटास्टेटिक बोन कैंसर होने के खतरा सबसे ज्यादा होता है।

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ये है उपचार के सही तरीका

आर्थोपेडिक डॉ. स्‍वरूप मिश्रा के मुताबिक, सर्जरी के जरिये बोन कैंसर का इलाज किया जा सकता है। सर्जरी करने से पहले कैंसर ट्यूमर के आकार को देखना बेहद जरूरी होता है, जिसके लिए सीटी स्कैन पेट सीटी स्कैन और बोन स्कैन की जरूरत होती है। बिनाइन बोन कैंसर की सर्जरी में ट्यूमर कोशिकाओं को निकाल कर बोन सीमेंट या हड्डी का चूरा भर दिया जाता है और जरूरत के अनुसार प्लेट से उसे फिक्स कर दिया जाता है। मैलिग्नेंट बोन कैंसर की सर्जरी करते समय ट्यूमर को पूरी तरह से बाहर निकल दिया जाता है और जितने भी टिश्यूज उसके आसपास थे, उन्हें भी निकाल दिया जाता है। यही नहीं, रोगी की कैंसर से क्षतिग्रस्त हुई हड्डी को कैंसर मुक्त करके दोबारा शरीर में लगा देने वाली अत्याधुनिक तकनीक अब उपलब्ध है। कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी या दोनों की मदद से बोन कैंसर का इलाज पीड़ित भाग को काटे बगैर संभव हो चुका है।