
भोपाल। भारत में सबसे बड़ा बैंक घोटाला करने वाले नीरव मोदी मध्यप्रदेश से भी करोड़ों-अरबों के हीरे लेकर भाग गए चुके हैं। उनकी कंपनी को मध्यप्रदेश के छतरपुर में 20 हजार करोड़ रुपए के हीरों से भरे भंडार से हीरे खोजने का ठेका दिया गया था, लेकिन वे मात्र ढाई लाख रुपए के ही हीरे मप्र सरकार के हाथों में थमाकर रफुचक्कर हो गए।
नीरव की सहयोगी कंपनी को मिला था यह ठेका
छतरपुर जिले की बक्सवाहा, बंदर डायमंड प्रोजेक्ट में रियो टिंटो नामक आस्ट्रेलियाई कंपनी को हीरे का भंडार खोजने का काम मिला था। यह नीरव मोदी की कंपनी फायर स्टोन कंपनी की ही सहयोगी थी। यह दोनों मिलकर यहां काम कर रहे थे। यहां के बेशकीमती हीरों की प्रदर्शनी में मुंबई से लेकर विदेशों तक लगाई जाती थी।
14 साल पहले शुरू किया था काम
-2004 में रियो टिंटो ने मध्यप्रदेश के छतरपुर के बक्सवाहा, बंदर डायमंड प्रोजेक्ट में काम करना शुरू किया था। यह प्रोजेक्ट 2200 करोड़ की लागत वाला था।
यह है रियो टिंटो
-रियो टिंटो कंपनी भारत में 1930 से अस्तित्व में है।
-यह उच्च कोटि की हीरा खनन परियोजना है और भारत में कंपनी की पहली परियोजना थी।
-मध्य प्रदेश में ऑस्ट्रेलिया से आया यह पहला निवेश (लगभग 2,000 करोड़ रुपए का था।
-2002 में कंपनी ने हीरे की खोज शुरू की थी।
-2003 में कंपनी को हीरे का बड़ा भंडार मिला था।
-रियो टिंटो ने 2007 में खजुराहो इन्वेस्टर्स समिट में हीरा खनन के लिए मध्य प्रदेश ? सरकार के साथ अनुबंध किया था। 2004 में भी इसे खनन का काम मिला था।
-पन्ना की खदानों से अभी सालभर में करीब 31 हजार कैरेट हीरा खनन हो रहा है।
-इन सब घटनाओं के बाद भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने नीरव मोदी की पार्टनरशिप वाली बदनाम कंपनी को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए न्यौता दिया था।
-बुंदेलखंड परियोजना बंदर शुरू की गई थी।
उमा भारती ने किया था विरोध
नीरव मोदी की सहयोगी कंपनी रियो टिंटो की गड़बड़ियों के उजागर होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने जमकर विरोध कर इस कंपनी की जांच कराने की बात कही थी। रियो टिंटो के हीरा प्रोसेसिंग प्लांट बंदर प्रोजेक्ट का शुभारंभ 27 अक्टूबर 2009 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। भारती ने कहा था कि भाजपा की केंद्र सरकार में वे कोयला और खनन मंत्री थी। तब इस कंपनी का इतिहास ब्लैक लिस्टेड कंपनी का था। इस कंपनी ने छतरपुर के बकस्वाहा में बड़ी संख्या में सागौन के पेड़ कटवाए और गरीब आदिवासियों पर प्रकरण लाद दिए गए।
मंत्री ने भी जताया था गड़बड़ी का शक
इस कंपनी की गड़बड़ियों पर जेल मंत्री कुसुम महदेले ने भी शंका जताई थी। क्योंकि कंपनी ने आठ साल तक प्रास्पेक्टिंग के बाद भी महज ढाई लाख रुपए के ही हीरे सरकारी खजाने में जमा किए और करोड़ों रुपए के हीरे लेकर वह गुपचुप निकल गई। मेहदेले ने बेशकीमती हीरों के गायब किए जाने के संदेह करते हुए कहा था कि इस पूरे मसले की जांच की मांग की जाएगी। तत्कालीन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व जेल मंत्री महदेले ने यह भी कहा था कि हीरा खनन परियोजना के नाम पर कुछ गड़बड़ी तो हुई है। मेहदेले ने कहा था कि सरकार ने जब लीज नहीं बढ़ाई, तो प्रोजेक्ट समेट लिया, जो उनसे लेते बना सो ले गए। लेकिन, जांच कर पता लगा लिया जाएगा।
20 हजार करोड़ का था भंडार
बताया जाता है कि क्षेत्र का हीरा भंडार 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक का था। इस दौरान रियो टिंटो आठ सालों तक प्रास्पेक्टिंग के लिए बोरिंग और अन्य उपकरणों से खुदाई करती रही, लेकिन प्रोजेक्ट बंद करने के ऐलान के बाद पन्ना के हीरा कार्यालय में उसने महज ढाई लाख रुपए कीमत के ही 27 सौ कैरेट के हीरे जमा कराए।
सीबीआई के खुलासे से हड़कंप
भारत के सबसे बड़े पीएनबी घोटाले के बाद सीबीआई एक के बाद एक बड़े खुलासे कर रही है, उसने पंजाब नेशनल बैंक के एक और महाप्रबंधक राजेश जिंदल को गिरफ्तार कर लिया है। वे मुंबई की ब्रेंडी हाउस ब्रांच के प्रमुख भी थे। सीबीआई इस महाघोटाले के सिलसिले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों के पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि 11,300 करोड़ का लोन घोटाला करने वाले मुख्य आरोपी नीरव और मेहुल इस देश से ही फरार हो चुके हैं।
अर्थ व्यवस्था पर असर
माना जा रहा है कि 11,300 करोड़ के इतने बड़े बैंक घोटाले के बाद अन्य बैंकों पर भी असर पड़ेगा। अब तक के सबसे बड़े बैंक घोटाले के उजागर होने के बाद देश की अर्थ व्यवस्था पर भी असर पड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
Updated on:
22 Feb 2018 10:32 am
Published on:
22 Feb 2018 06:00 am
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