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Chandrayaan 3 Success : चंद्रयान-3 को सफलता में एमपी के इन वैज्ञानिकों का है अहम योगदान, जानें इनकी भूमिका

चंद्रयान-3 की सफलता में मध्य प्रदेश के भी 4 वैज्ञानिकों ने बड़ी भूमिका निभाई है। जानिए इनसे जुड़ी खास बातें।

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Chandrayaan 3 Success

Chandrayaan 3 Success : चंद्रयान-3 को सफलता में एमपी के इन वैज्ञानिकों का है अहम योगदान, जानें इनकी भूमिका

Chandrayaan 3 Success : चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पृथ्वी का पहला देश बन गया है। इस सफलता का हर्ष पूरे देश में दिखाई दे रहा है। चारों तरफ लोग एक दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं। सफल लैंडिंग के अगले दिन भी कहीं मिठाइयां बांटी जा रही हैं तो कहीं आतिशबाजी हो रही है। देश को ये उपलब्धि दिलाने में देश के अलग-अलग राज्यों की तरह मध्य प्रदेश के 4 वैज्ञानिकों का भी अहम योगदान है। आपको बता दें कि, चंद्रयान-3 की सफलता और देश का मान बढ़ाने वालों में मध्य प्रदेश के छोटे-छोटे गांवों से निकले वैज्ञानिकों का भी अहम योगदान है।

बता दें कि, मिशन चंद्रयान-3 की सफलता में मध्य प्रदेश के 4 लोगों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के ये चारों वैज्ञानिक मध्य प्रदेश के छोटे-छोटे गांवों से निकलकर इसरो तक पहुंचे हैं। इनमें सूबे के सतना जिले में रहने वाले ओम पांडे, बालाघाट में रहने वाले महेंद्र ठाकरे, उमरिया में रहने वाले प्रियांशु मिश्रा और रीवा में रहने वाले तरुण सिंह शामिल हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इन चारों वैज्ञानिकों के परिवारों के साथ साथ इनके गांवों में जश्न का माहौल है। आइये जानते हैं, इन चारों वैज्ञानिकों से जुड़ी अहम बातें।

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सतना के ओम पांडे

मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक छोट से गांव करसरा में रहने वाले युवा वैज्ञानिक ओम पांडे टीम चंद्रयान-3 के सदस्य हैं और उसकी सफल लैंडिंग और आगे की प्रक्रिया में अहम योगदान है। ओम पांडे चंद्रयान-3 में प्रोजेक्ट इंजीनियर हैं। ओम पांडे के पिता रिटायरमेंट के बाद से करसरा गांव में रहते हैं। ओम ने पांच साल पहले इसरो ज्वाइन की थी। ओम ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई की है।


बालाघाट के महेंद्र ठाकरे

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के कैंडा टोला में रहने वाले महेंद्र ठाकरे का चंद्रयान-3 मिशन में खास योगदान है। महेंद्र ठाकरे इस मिशन में प्रोजेक्ट हेड के रूप में कार्यरत हैं। महेंद्र ठाकरे इसरों में 16 साल से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद महेंद्र ठाकरे के गांव में भी जश्न का माहौल है। यहां लोग ढोल नगाड़े बजाने के साथ साथ जगह जगह जमकर आतिशबाजी कर रहे हैं।

उमरिया के प्रियांशु मिश्रा

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के चंदिया कस्बे में रहने वाले प्रियांशु मिश्रा चंद्रयान-3 की व्हीकल टीम का हिस्सा हैं। प्रियांशु इससे पहले चंद्रयान-2 की टीम में रहे हैं। इसरों में वैज्ञानिक के रूप में प्रियांशु का चयन 2009 में किया गया था। प्रियांशु ने इसरो के कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है।साल 2017 में प्रियांशु को यंग साइंटिस्ट मेरिट का अवार्ड भी हासिल किया था।


रीवा के तरुण सिंह

मध्य प्रदेश के रीवा में रहने वाले तरुण सिंह भी टीम चंद्रयान-3 का अहम हिस्सा रहे हैं। तरुण सिंह ने अरृपनी शुरुआती पढ़ाई रीवा के सैनिक स्कूल से ही की है। वो चंद्रयान-3 की टीम में सीनियर साइंटिस्ट के रूप में सेवा दे रहे हैं। चार साल पहले तरुण सिंह ने इसरो के साथ अपनी पारी की शुरुआत की थी। तरुण सिंह के पास चंद्रयान-3 से आ रही तस्वीरों की निगरानी रखने की जिम्मेदारी है।