
Chhatarpur doctor Neeraj Pathak's wife Mamta Pathak reached High Court
एमपी में एक डॉक्टर की उनके घर में लाश मिली। पुलिस ने जांच की तो मामला हत्या का निकला। डॉक्टर की ही लेक्चरर पत्नी ने पति को पहले नींद की गोलियां खिलाईं और फिर बिजली का करंट लगाकर मार डाला। पुलिस ने कहा कि पत्नी ने षड्यंत्रपूर्वक पति की हत्या की। सेशन कोर्ट में केस चला और पत्नी को दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई। पत्नी ने खुद को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट में अपील की है। उसका कहना है कि पीएम रिपोर्ट गलत तरीके से तैयार की गई। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को रखी है।
एमपी के बहुचर्चित डॉ. नीरज पाठक हत्या मामला फिर चर्चा में आ गया है। 1 मई 2021 को छतरपुर के जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पाठक की लाश उनके ही घर में पाई गई थी। पुलिस की जांच में डॉक्टर की मौत के लिए उनकी लेक्चरर पत्नी ममता पाठक को ही दोषी पाया। सेशन कोर्ट ने इस पर मुहर लगाते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई।
ममता पाठक ने सेशन कोर्ट के उम्र कैद के फैसले के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में अपील की है। कोर्ट में उसने अपने बचाव में खुद ही दलीलें पेश कीं। जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की डबल बैंच ने उसके तर्क सुने। लगातार दो दिन चली इस बहस में ममता पाठक ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए।
ममता पाठक ने कहा कि मुझ पर पति को करंट लगाकर मारने का आरोप लगाया जबकि मेरे घर में किसी को करंट लग ही नहीं सकता। घर का बिजली सिस्टम इतना पुख्ता और आधुनिक था कि कहीं से करंट लीक होनेपर तुरंत बिजली सप्लाई बंद हो जाती। उसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा कि इसे मनमाने तरीके से तैयार किया।
ममता पाठक ने कोर्ट में कहा कि पति की मौत 29 तारीख को हुई थी जबकि पुलिस ने उनके खिलाफ 7 मई को एफआईआर दर्ज की। मुझसे कोरे पेजों पर साइन करवाए।
सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल ने ममता पाठक से पूछा कि जब आपके पति की तबियत ठीक नहीं थी और उनकी हालत गंभीर थी तब आप उन्हें घर में अकेला छोड़कर क्यों चली गई थीं?" बता दें कि फिलहाल ममता पाठक 1 साल के लिए जमानत पर है।
Published on:
21 Apr 2025 08:01 pm
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