
तेजी से फैलता है 'चिकन पॉक्स', इस गंभीर बीमारी से ऐसे रखें खुद को दूर
भोपाल/ चिकन पॉक्स को आमतौर पर छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। ये बच्चों को होने वाला वाला एक आम संक्रामक रोग है। हालांकि, ये एक समयावधि तक रहने वाला रोग है जो बच्चों में एक अंतराल के बाद ठीक भी हो जाता है। पर कुछ मामलों में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से उसे निमोनिया होने की आशंका रहती है। 99 फीसदी मामलों में चिकन पॉक्स जीवन में एक बार ही होता है।पर ये एक तरह का वायरल होता है, जो एक से दूसरे में काफी तेजी से फैलता है।
इस बीमारी में शरीर पर मसूर के दाने के समान फुंसियां हो जाती है। जिसपर, जरा सी बे गोरी ठीक होने के बावजूद लंबे समय तक रहने वाले निशान दे जाती है। जब तक चिकन पॉक्स रहता है, पीड़ित को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। आयुर्वेद में इसे लघु मसुरिका भी कहा जाता है।
यह एक वायरस जनित रोग है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा, थूक, छींकना, म्यूकस, फुंसियों से निकलने वाले द्रव, कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने से फैलता है। बच्चों में संक्रमण फैलने का समय फुंसी या रैश आने के दो दिन पहले से ही शुरू हो जाता है। ये संक्रमण फुंसियों के सूखकर झड़ने तक रहता है।
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चिकन पॉक्स के लक्षण
-शरीर पर खुजली के साथ लाल दाग या फुंसियां हो जाती हैं।
-शुरुआत में ये फुंसियां छोटी होती हैं और उनमें तरल पदार्थ जमा होने लगता है, तब ये फफोले बन जाते हैं।
-मुंह के अंदर, सिर पर, आंखों के पास, त्वचा के हर हिस्से पर ये फुंसियां हो जाती हैं, जो काफी पीड़ादायक होती हैं।
-बुखार आना।
-थकान और कमजोरी महसूस होना।
-मांसपेशियों में दर्द बना रहना।
-सर्दी, जुकाम और नाक बहना।
-खांसी होना।
-संक्रमण के फेफड़ों तक पहुंचने पर खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द की समस्या बढ़ जाती है।
-चिकन पॉक्स होने पर मरीज को कभी भी एस्प्रिन नहीं देना चाहिए।
-चिकन पॉक्स होने पर शरीर पर काफी तेज इचिंग होती है। ऐसे में खुजली या दाग मिटाने के लिए हरे मटर को पानी में उबाल लें। इस पानी को शरीर पर लगाएं। इससे इचिंग कम होगी। साथ ही, फुंसियों के दाग नहीं होंगे।
-सेब के छिलके को कुनकुने पानी में मिला लें। इस पानी से नहाएं, तो खुजली में आराम मिलेगा।
-चिकन पॉक्स में होने वाली फुंसियों में खुजली होती है और हल्का पेन भी। इससे बचने के लिए शरीर पर विटामिन-ई युक्त ऑयल का यूज करें। दिन में दो बार इसे रूई की सहायता से शरीर पर लगाएं।
-नीम औषधिय पेड़ है। ऐसी बीमारियों के संक्रमण को कम करने या मिटाने के लिए यह सबसे ज्यादा उपयोगी है। ऐसे में नीम की ताजा पत्तियों को हल्के हाथ से साफ पानी में धो लें। इसके बाद पानी गर्म करने रखें उसमें ये पत्तियां उबाल लें। इस पानी से नहाने से भी चिकन पॉक्स से होने वाली समस्याओं में आराम मिलता है।
-इस दौरान नींबू शिकंजी का सेवन फायदेमंद रहता है।
-चिकन पॉक्स के दौरान ज्यादा तीखा या तेज मसालेदार खाने से दूरी बना लेना चाहिए।
-चिकन पॉक्स में आठवें दिन से झड़ना शुरू होती है। इस दौरान शरीर पर हल्के हाथों से शहद की मालिश करने से खुजली में आराम मिलता है, साथ ही निशान भी नहीं पड़ते।
-चिकन पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। इसका संक्रमण ज्यादा न फैले इसके लिए सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा नीम है। मरीज के बिस्तर के पास ताजा नीम की पत्तियों को रखना चाहिए। ऐसा करने से संक्रमण के विषाणु तेजी से नष्ट होते हैं, साथ ही रोग भी नहीं बढ़ता।
-अगर घर में बाथ टब हो तो उसमें ठंडा पानी भर लें। इस पानी में अदरक को कूट कर डाल दें। आधे घंटे तक पानी को ऐसे ही रहने दें। फिर इस पानी में बैठ जाएं। अदरक का यह पानी शरीर को राहत देता है।
Updated on:
29 Feb 2020 05:48 pm
Published on:
29 Feb 2020 05:44 pm
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