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एमपी में 4 अफसरों को हटाया, सीएम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उप संचालक को भी सस्पेंड किया

MP CM -एमपी में छिंदवाड़ा में 14 बच्चों की मौतों के बाद आखिरकार अधिकारियों पर सख्ती दिखाई गई है।

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CM Mohan Yadav removed 4 officers in MP

CM Mohan Yadav removed 4 officers in MP (फोटो सोर्स : @DrMohanYadav51)

MP CM -एमपी में छिंदवाड़ा में 14 बच्चों की मौतों के बाद आखिरकार अधिकारियों पर सख्ती दिखाई गई है। मामले में 4 अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। दो औषधि निरीक्षकों को हटा दिया गया। यहां तक कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के उप संचालक को भी निलंबित किया गया है जबकि ड्रग कंट्रोलर को स्थानांतरित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि प्रकरण में सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सीएम ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

छिंदवाड़ा प्रकरण में अंतत: अफसरों पर भी कार्रवाई की गाज गिर गई। छिंदवाड़ा के औषधि निरीक्षक गौरव शर्मा, जबलपुर के औषधि निरीक्षक शरद कुमार जैन, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के उप संचालक शोभित कोस्टा को हटा दिया गया है। तीनों अधिकारियों को निलंबित किया गया जबकि ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को स्थानांतरित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। यहां उन्होंने छिंदवाड़ा प्रकरण के सभी दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की बात कही। सीएम मोहन यादव ने कहा राज्य सरकार सजग और संवेदनशील है, मानव सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।

घर-घर से रिकवर करें प्रतिबिंधत दवा

सीएम डॉ. यादव ने कोल्ड्रिफ सिरप का दुकानों में विद्यमान स्टॉक जब्त करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली, उनके घरों से दवा रिकवर करने के लिए सघन अभियान चलाएं।

सीएम ने कोल्ड्रिफ सिरप दवा के अलावा अन्य दवाओं की प्रभावशीलता का भी आकलन कराने को कहा। दवाओं पर जो चेतावनी और सावधानियां लिखी जानी चाहिए, वह लिखी जा रही हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाए।

बैठक में बताया गया कि छिंदवाड़ा से गंभीर प्रकरणों की जानकारी मिलते ही राज्य स्तर से चिकित्सकों का दल छिंदवाड़ा भेजा गया। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और सेंट्रल ड्रग्स स्टेण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन का भी जांच में सहयोग लिया गया। आठ मरीजों की जाँच के लिए उनके नमूने पुणे स्थित प्रयोगशाला भेजे गए। साथ ही छिंदवाड़ा से विभिन्न दवाओं के सैम्पल लेकर उनकी जांच कराई गई।

छिंदवाड़ा और परासिया के निजी चिकित्सकों, अस्पतालों और केमिस्ट के साथ बैठक कर स्थिति का आंकलन किया गया और उन्हें आवश्यक सावधानियां बरतने के संबंध में सलाह दी गई। छिंदवाड़ा जिले में प्रभावित मरीजों को चिन्हित करने के लिए सर्वे आरंभ किया गया। क्षेत्र से प्राप्त हो रहे इस प्रकार के प्रकरणों को आवश्यकता होने पर आगे के इलाज के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नागपुर के लिए रैफर किया गया। जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर दवा पर प्रतिबंध लगाया गया तथा अस्पतालों और केमिस्टों के निरीक्षण की प्रक्रिया भी आरंभ की गई।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को दी सूचना

उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजेंद्र शुक्ल, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव भी बैठक में उपस्थित थे।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बैठक में बताया कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और हिमाचल प्रदेश व तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर्स को भी समुचित सूचना दी गई। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर से कोल्ड्रिफ सिरप की जांच रिपोर्ट में नमूने अमान्य पाये जाने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया गया। कोल्ड्रिफ दवा लिखने तथा अपने परिवार के सदस्य के माध्यम से दवा की ‍बिक्री कराने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को निलंबित किया। दवा निर्माता के विरूद्ध भी एफआईआर दर्ज कराई गई।