
MP CM Mohan Yadav
MP News: वन भूमि पर अधिकार के व्यक्तिगत और सामूहिक दावे का निराकरण 31 दिसंबर तक या उसके पहले करने होंगे। आगे से वन विभाग की सीमा के अंदर एक भी नया अतिक्रमण न हो, इसका कड़ाई से पालन भी कराना होगा। तय डेडलाइन में दावों का निपटारा नहीं करने और नए अतिक्रमण रोकने में विफल रहने पर संबंधित वन अफसरों को कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को यह बात कही। वे निवास पर वन अधिकार अधिनियम और पेसा एक्ट के पालन के लिए गठित राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की शीर्ष समिति व इसी विषय के लिए गठित कार्यकारी समिति की बैठक ले रहे थे।
इसी बैठक में तय किया कि पेसा मोबिलाइजरों की नियुक्ति के अधिकार ग्राम सभाओं को दिए जाएंगे। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर देवास, सीहोर, बैतूल और डिंडौरी जिले में बड़े विवाद उपजे हैं।
सीएम ने कहा कि एकमात्र भाजपा सरकार ही है जो एसटी, एससी वर्गों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही। इन वर्गों के लिए दर्जनों योजनाएं हैं। सरकार हर पल वनवासियों के साथ खड़ी है। यह बात उन तक पहुंचनी चाहिए। जनजातीय वर्ग के अध्ययनरत एवं रोजगाररत बच्चों का सामाजिक सम्मेलन बुलाएं। संवाद करेंगे और फीडबैक लेंगे। इस काम में कमी मिली तो ठीक नहीं होगा।
वनाधिकार अधिनियम लागू करने महाराष्ट्र मॉडल का अध्ययन कराएं। वहां जलयुक्त शिविर नामक अभियान चलाया जा रहा है। दूसरे राज्यों के अच्छे मॉडल में जो ठीक हो और मध्यप्रदेश के परिदृश्य में फिट बैठे, उसके जरिए काम कराएं। विधानसभा क्षेत्रों के विकास के लिए विजन डॉक्यूमेंट बन चुके हैं। वनाधिकार अधिनियम, पेसा कानून के अमल के प्रावधान डॉक्यूमेंटमें शामिल कराएं।
2008 से 2023 तक 2 लाख 89 हजार 461 वनाधिकार दावे मान्य किए गए। पुन: परीक्षण के लिए 87,283 और 1 लाख 86 हजार 224 नए दावे हैं। इस तरह 2 लाख 73 हजार 457 दावे लंबित हैं।
दावों की तेजी से सुनवाई नहीं हो रही। विभाग के खिलाफ मामले बढ़ते रहे। कई बार इन्हीं मामलों में विवाद खड़े हो जाते हैं। इससे सरकार को परेशान होना पड़ता है। 22 जून को देवास के खिवनी में, उससे पहले सीहोर के बुधनी, इछावर, बैतूल के भौंरा, डिंडौरी में विवादित मामलों को समय से नहीं निपटाने के चलते अतिक्रमण हटाने का विरोध हुआ था।
समिति सदस्य एवं पूर्व विधायक भगत सिंह नेताम ने बताया कि वनाधिकार अधिनियम के प्रभावी अमल के लिए बालाघाट जिले में पुलिस विभाग ने सभी चौकियों में एकल सुविधा केंद्र बनाकर इसके जरिए कैप आयोजित कर जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है। 450 वनाधिकार दावे भरवाए जा चुके हैं। सीएम ने इसे नवाचार बताया। कहा कि 88 जनजातीय विकासखंडों वाले जिलों के कलेक्टर को बालाघाट मॉडल भेजे जाकर, उस पर अमल कराया जाए।
Published on:
07 Jul 2025 09:42 am
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