
भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल संभागों में बाढ़ के बाद बचाव कार्य में बाधा आई है। गौरतलब है कि बाढ़ से शिवपुरी, श्योपुर, दतिया और ग्वालियर के 1171 गांव प्रभावित हुए हैं। तेज बारिश और बादलों के काफी नीचे होने के कारण बचाव कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं मौसम साफ होते ही मुख्यमंत्री बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई दौरा करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सुबह मंत्रालय में आपात बैठक बुलाई। मंत्रालय में स्टेट कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के बारे में जानकारी ली। इस बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र, राजस्व मंत्री, सीएस डीजीपी, गृह विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने आपात बैठक के बाद जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, भिंड और रीवा के 1171 गांव बाढ़ से प्रभावित है। शिवपुरी और श्योपुर में हालात ज्यादा खराब है। शिवपुरी में 22 गांव घिरे हैं, दतिया, ग्वालियर और श्योपुर में भी कई गांव बाढ़ में घिरे हैं। कल से मैं लगातार संपर्क में हूं, कल भी हमने राहत और बचाव के जितने भी उपाय कर सकते थे, वो किए। फोर्स हमने कल ही बुलवा ली। एयरफोर्स के हेलीकाप्टर तैयार है। 5 हेलीकाप्टरों ने सुबह उड़ान भी भरी, लेकिन खराब मौसम के कारण उतर नहीं पाए। मौसम ठीक होते ही रेस्क्यू आपरेशन प्रारंभ हो जाएगा।
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मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि एक हजार 600 लोगों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के लोगों ने निकाला। सोमवार 11 लोगों को एयरफोर्स ने निकाला। हमारी एसडीआरएफ की 70 टीमें रेस्क्यू आपेरशन में लगी हैं। 3 टीमें एनडीइआरएफ की लगी हैं और टीमों के लिए भी हमने अनुरोध किया है। सेना बुला ली गई है। कुल मिलाकर 200 गांव घिरे हैं। शिवपुरी जिले के बीछी गांव में तीन लोग पेड़ पर बैठे हुए हैं, उन्हें बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहां दूर-दूर तक पानी है। सभी कलेक्टर से मैंने बात की है। हम सभी के संपर्क में हैं। मनीखेड़ा डैम भर जाने के कारण पानी छोड़ा गया है, जिससे जल स्तर और बढ़ने की संभावना है। लोगों को ऊंचे स्थान पर भेजने की व्यवस्था प्रशासन कर रहा है। कई लोग पेड़ पर हैं और मंदिर की छत पर भी कुछ लोग शरण लिए हुए हैं, उन्हें बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अफवाहों पर भी ध्यान नहीं देने की अपील की है। चौहान ने कहा कि किसी भी बांध में कोई दरार नहीं है, वो सुरक्षित है। इन बातों पर ध्यान न दें।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा है कि सभी बांध सुरक्षित हैं, किसी तरह की अफवाह न फैले, इसके लिए लोगों को बताया जाए। शिवपुरी जिले के कलेक्टर ने बताया कि 100 लोगों को मंगलवार सुबह सुरक्षित निकाल लिया गया है। जबकि श्योपुर कलेक्टर ने बताया कि पोहरी और कोलारस क्षेत्र में कुछ लोग फंसे हैं, जिन्हें निकालने का काम जारी है। डोंगर, बिछी गांव में लोग पेड़ पर चढ़कर बैठे हुए हैं। सभी को बचाने के लिए नाव के जरिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है। श्योपुर में और हालात खराब होने की स्थिति में लखनऊ से एक एनडीआरएफ की टीम बुलवाई गई है, जल्द ही वो भी पहुंच जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ से घिरे लोगों को खाने के पैकेट पहुंचाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को भूख की परेशानी न हो।
एयरफोर्स के रेस्क्यू ग्रुप के कैप्टन शेरावत के मुताबिक हमारी 5 टीमें तैयार हैं, लेकिन बादल काफी नीचे होने से दिक्कत हो रही है, जैसे ही मौसम साफ होगा, हम बचाव कार्य में तत्पर हैं।
मुख्यमंत्री ने कम्युनिकेशन नेटवर्क जल्द ठीक करने के निर्देश दिए, जरूरत हो तो अधिकारी दिल्ली में विभाग से बात करें।
मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी हालात पर नजर बनाए हुए है। मंत्री सिंधिया ने बताया कि लगातार बारिश हो रही है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। मोबाइल नेटवर्क बाधित है, इसे ठीक करने का काम जारी है।, जिससे लोगों से संपर्क किया जा सके।
शिवपुरी में पिछले 24 घंटों के दौरान 470 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि 48 घंटों के दौरान 798 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 200 से ज्यादा गांव शिवपुरी, श्योपुर जिले में जलमग्न हो गए हैं। मनीखेड़ा डैम के 10 गेट खोलने के बाद और पानी बढ़ गया है. शिवपुरी के 22 गांव से कई लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया है।
Updates: बाढ़ प्रभावित इलाकों में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, देखें तस्वीरें
मुरैना जिले से खबर है कि क्वारी नदी उफान पर होने से बागचीनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत खिटोरा के ग्राम काबिल से करीब 100 लोगों को छोटी नाव से सर सैनी एवं लोहरी पुरा क्षेत्र में शिफ्ट किया गया। कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंच गए थे। दूसरी ओर चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। सुबह 11:00 बजे की स्थिति में 138.20 मीटर पर जलस्तर पहुंच गया। चंबल में खतरे का निशान राजघाट पर 138 मीटर पर है। इससे अंबाह क्षेत्र के आधा दर्जन गांव भी घिर गए हैं। इनमें रामगढ़ सुख ध्यान का पूरा, चुस्सलई गांव पूरी तरह घिर गए हैं। वहीं मुरैना से सबलगढ़ मार्ग पर कैलारस के पास नेपरी के पुल में सड़क और पुल के बीच दरार आ जाने से भारी वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। हल्के वाहन अभी भी निकाले जा रहे हैं। मुरैना में उफनती क्वारी नदी में डूबने से एक बच्चे की मौत की खबर है। घटना सिविल लाइन इलाके के अतरसुमा गांव की है। हादसा उफनती नदी को पार करने क दौरान हुआ।
इधर, शिवपुरी में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। शिवपुरी में अटल सागर डैम के 10 गेट खोल दिेए गए हैं। इधर, दतिया में खैरोना, रूर और पाली गांव के भीतर तक सिंध नदी का पानी पहुंच गया है। पाली ग्राम चारों तरफ से घिर जाने के कारण 50 से अधिक लोग फंस गए हैं। उन्हें बचाने के लिए प्रशासन रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर रहा है।
दतिया से खबर है कि रतनगढ़ माता मंदिर के लिए जाने वाला पुल भीषण बाढ़ की चपेट में आ गया। सिंध नदी पर बना यह पुल नदी के बहाव में बह गया। इसके साथ ही लांच नदी पर बने पुल के भी ढहने का समाचार मिला है। दोनों ही स्थानों पर पुल बहने के दौरान कोई जनहानि नहीं हुई है।
टीकमगढ़ से खबर है कि माताटीला डैम से 1.5 लाख क्यूसेक लीटर पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। इस कारण ओरछा स्थित जामनी एवं बेतवा नदियां उफान पर आ गई है। इनके पुल पर 5 फीट पानी है। बारिश लगातार होने से भी डैम का पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। इस कारण ओरछा में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मणिखेड़ा बांध के 10 गेट खोले, देखें नजारा
शिवपुरी में लगातार हो रही बारिश से सिंध नदी पर बने अटल सागर (मणिखेड़ा) डैम के 10 गेट खोले गए है। इस कारण बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। निचले इलाकों में हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है।
Updated on:
03 Aug 2021 08:11 pm
Published on:
03 Aug 2021 12:25 pm
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