
ठंड ने तोड़ा 67 साल का रिकॉर्ड (Photo Source- Patrika)
IMD Warning :मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर जारी है। कश्मीर से आ रही बर्फीली हवाओं ने सूबे के अंतर्गत आने वाले मालवा अंचल को खासा ठिठुरा दिया है। कई जिलों में शीतलहर का असर है। इन्हीं में से एक इंदौर जिले में ठंड ने बीते 67 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। वहीं, अधिक कोहरा छाने के कारण रेल और लड़क यातायात खासा प्रभावित हो रहे हैं।
इंदौर का न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो अब तक का 10वां सबसे कम तापमान रहा। आमतौर पर मालवा, सीहोर, राजगढ़ और शाजापुर क्षेत्रों में पश्चिमी हवाएं प्रभावी रहती हैं, जिससे ठंड अपेक्षाकृत कम होती है। लेकिन इस बार राजस्थान के ऊपर बने प्रतिचक्रवात ने पश्चिमी हवाओं को कश्मीर से आने वाली उत्तरी हवाओं के साथ मिला दिया, जिससे ठंड में तेज बढ़ोतरी हुई। अगर यही प्रतिचक्रवात गुजरात और मध्य प्रदेश के ऊपर स्थित रहता तो हवाएं घूमकर आतीं और ठंड का असर कम रहता। इसके अलावा शुष्क हवाओं और साफ मौसम ने भी ठंड को और तीखा बना दिया। बीते 10 वर्षों (2015 से 2024) में इंदौर का न्यूनतम तापमान 6.6 से 11.6 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, मालवा ही नहीं बल्कि पूरे राज्य को एक बार फिर तेज ठंड के लिए तैयार रहना होगा। जनवरी के पहले सप्ताह से तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री लुढ़क सकता है। 30 और 31 दिसंबर से ठंड में बढ़ोतरी शुरू हो जाएगी। मावठा यानी वर्षा के आसार नहीं हैं, जिससे कोहरे की संभावना कम है। हालांकि उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में अगले चार से पांच दिनों तक हल्का कोहरा छाए रहने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो मौसम साफ रहने से ओस गिरेगी, जिसे खेती के लिए लाभकारी माना जाता है।
सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी डॉ. डीपी दुबे के अनुसार, फिलहाल कोई मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं दिख रहा है। 27 दिसंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है, लेकिन वह कमजोर रहेगा। ऐसे में वर्षा के आसार नहीं हैं और मौसम शुष्क बना रहेगा। सामान्य स्थिति में ठंड 15 फरवरी के आसपास विदा हो जाएगी। यदि ठंड समय पर चली गई, तो गर्मी का मौसम लंबा रहेगा और तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहेगा।
मौसम की मार राहगीरों पर सबसे ज्यादा पड़ रही है। हालात ये हैं कि, सड़क से लेकर ट्रेन यातायात खासा प्रभावित हो रहा है। ग्वालियर चंबल क्षेत्र में जहां इतना घना कोहरा है कि, रात से लेकर सुबह तक सड़क पर वाहन चला पाना नामुम्किन सी बात हो गई है, जबकि ट्रेने भी खासा प्रभावित हो रही हैं। कोहरे के चलते करीब दर्जनों ट्रेनें 5 से 8 घंटे की देरी से चल रही हैं, इसमें पंजाब मेल 1 घंटा 10 मिनट, शताब्दी एक्सप्रेस 35 मिनट, यशवंतपुर कर्नाटक एक्सप्रेस 40 मिनट, झेलम एक्सप्रेस 4 घंटे 30 मिनट, सचखंड एक्सप्रेस 8 घंटे, मालवा एक्सप्रेस 20 मिनट और छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 1 घंटे लेट हैं।
Updated on:
25 Dec 2025 01:40 pm
Published on:
25 Dec 2025 11:38 am
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