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उपचुनाव : कांग्रेस ने रातों रात तैनात की ‘SUPER 30’, जानिये क्यों है ये खास

उपचुनाव में कांग्रेस को गड़बड़ी का डर, हर बूथ पर तैनात रहेंगे कांग्रेस के ' सुपर 30'।

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उपचुनाव : कांग्रेस ने रातों रात तैनात की 'SUPER 30', जानिये क्यों है ये खास

भोपाल/ मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा की 28 सीटों पर उपचुनाव का मतदान मंगलवार 3 नवंबर की सुबह 7 बजे से होने जा रहा है। एक तरफ जहां मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने मतदान को लेकर बूथ स्तर पर अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक दल भी अपने अपने स्तर पर अंतिम चरण की रणनीति पर काम कर रहे हैं। किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए हर तरह की सावधानी बरती जा रही है। वहीं, इस उपचुनाव में कांग्रेस को एक बार फिर गड़बड़ी की आशंका सता रही है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चुनावी मतदान के दिन हर तरह सतर्क रहने की योजना तैयार कर ली है। इसके तहत 28 सीचों के हर एक बूथ पर पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं की खास तैनाती कर दी है।

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हर बूथ पर 30 कार्यकर्ता संभालेंगे बड़ी जिम्मेदारी

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुताबिक, इसी रणनीति के तहत इस बार कांग्रेस सभी विधानसभा सीटों के हर एक बूथ पर मतदान केन्द्र पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस की ओर से हर बूथ पर 30 कार्यकर्ताओं को तैनात किया जाएगा। इस कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पैनी नजर सिर्फ इसपर होगी कि, कहीं कोई गड़बड़ी न हो। कांग्रेस ने उपचुनाव वाली सीटों के बूथों की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री, विधायक और सांसदों को दी है। इनकी देखरेख में कांग्रेसी कार्यकर्ता हर बूथ पर नजर रखेंगे। कांग्रेस को इस बात की आशंका है कि फर्जी वोट डलवाए जाना कितना आसा हो जाएगा। इसे रोकने के उद्देश्य से ही हर बूथ पर कार्यकर्ताओं की तैनाती की गई है।

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ये है उपचुनाव का कारण

बता दें कि मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने जा रहे हैं। इनमें 25 सीटों पर मौजूदा कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने की वजह से उपचुनाव हो रहे हैं। वो उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार हैं, जबकि तीन अन्य सीटों पर मौजूदा विधायकों के निधन की वजह से उपचुनाव की जरूरत पड़ी है। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि, जब 230 सदस्यीय विधानसभा की 28 सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में प्रदेश के 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं। सत्ताधारी भाजपा के पास 107 विधायक हैं और उसे बहुमत के लिये 9 और सीटों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस के पास सदन में 87 विधायक हैं।