27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी कांग्रेस में बढ़ी रार, प्रत्याशियों ने बड़े नेताओं पर फोड़ा हार का ठीकरा

Congress Fact Finding Committee शनिवार को शुरु हुई बैठक रविवार को भी चली जिसमें कई तथ्य सामने आए।

2 min read
Google source verification
Congress Fact Finding Committee Jitu Patwari Digvijay Singh Kamal Nath

Congress Fact Finding Committee Jitu Patwari Digvijay Singh Kamal Nath

Congress Fact Finding Committee Jitu Patwari Digvijay Singh Kamal Nath लोकसभा चुनाव में एमपी में कांग्रेस की सभी सीटों पर करारी हार हुई। प्रदेश में हार के कारणों का पता लगाने कांग्रेस की तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने प्रत्याशियों की बैठक बुलाकर उनसे बातचीत की। शनिवार को शुरु हुई बैठक रविवार को भी चली जिसमें कई तथ्य सामने आए। कमेटी की राजधानी भोपाल के पीसीसी दफ्तर में दो दिवसीय समीक्षा बैठक में प्रत्याशियों ने बताया​ कि प्रदेश के ज्यादातर बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार ही नहीं किया। इधर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी Jitu Patwari ने कहा कि बैठक में हार की बीमारी पकड़ में आ गई है, इसका इलाज करेंगे।

कांग्रेस हाईकमान द्वारा गठित समिति में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चाव्हाण, सप्तगिरी उल्का और जिग्नेश मेवाणी शामिल हैं। तीनों नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रत्याशियों से बात कर हार के कारण जाने।

यह भी पढ़ें : एमपी में बड़ा फैसला, प्रदेशभर के पटवारी-आरआई जांच के घेरे में, 16 अफसरों को भी नोटिस

बैठक में कई प्रत्याशियों ने प्रदेश के बड़े नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ा। प्रत्याशियों ने कहा कि पार्टी के बड़े नेताओं ने राज्य में प्रचार ही नहीं किया। हालांकि कुछ प्रत्याशियों ने यह कहकर बड़े नेताओं का बचाव किया कि वे खुद चुनाव लड़ रहे थे इस कारण अन्य उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने नहीं जा सके। बता दें कि प्रदेश में कांग्रेस के दो सबसे वरिष्ठ नेता स्वयं चुनावी संघर्ष में उलझे थे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह Digvijay Singh जहां राजगढ से खुद खड़ेे हुए थे वहीं एक अन्य पूर्व सीएम कमलनाथ Kamal Nath छिंदवाड़ा में अपने पुत्र नकुलनाथ की चुनावी लड़ाई लड़ रहे थे।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने लोकसभा की 29 सीटों में से 27 सीटों पर चुनाव लड़ा था। खजुराहो और इंदौर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं थे। बीजेपी ने प्रदेश की सभी 29 सीटें जीत लीं।

कमेटी के पृथ्वीराज चव्हाण ने कांग्रेस की इस बुरी हार के कारण जानने के लिए प्रत्याशियों के अलावा कांग्रेस विधायकों और पूर्व विधायकों से भी बातचीत की। प्रत्याशियों ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने हर तरह से डराया, धमकाया। लाड़ली बहना योजना का भी खासा असर रहा। पार्टी के प्रत्याशी अपनी सीटों पर अकेले जूझते रहे, प्रादेशिक नेताओं ने दूरी बनाए रखी। कई वरिष्ठ नेता बीजेपी में चले गए जिससे मनोबल टूटा। प्रत्याशियों से लिए गए फीडबैक की रिपोर्ट अब पार्टी आलाकमान को सौंपी जाएगी।