
अगर आप भी बॉडी बनाने के साथ लेते हैं ये डाइट, तो हो सकते हैं नपुंसक्ता के शिकार
भोपाल/ अकसर युवाओं में कम समय में ज्यादा आकर्षक बॉडी बनाने की चाहत होती है। ऐसे में वे विदेशी वर्कआउट के साथ डॉइट में स्टेरॉयड और पाउडर का उपयोग करने लगते हैं। हालांकि, इसके कई दुष्परिणाम भी हमारे सामने आ चुके हैं। भोपाल के निजी जिम संचालक और पूर्व मिस्टर एमपी जाहिद खान के मुताबिक, भारत में देशी स्टेरॉयड के रूप में सोयाबीन व इससे बने उत्पादों का उपयोग किया जाता है। वहीं, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि, सोयाबीन बॉडी बनाने के दौरान खाया जाना कई बीमारियों को बुलावे के समान है। हेल्थ एक्सपर्ट विशाल गुप्ता के मुताबिक, वर्कआउट के साथ डाइट में सोयाबीन से बने प्रोटीन का अधिक सेवन व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर भी बुरा प्रभाव डालता है।
हालांकि, इसका ये मतलब नहीं कि, आप सोय उत्पाद का सेवन करना ही बंद कर दें। जो भी खायें संतुलित मात्रा में खायें जिससे कोई भी शारीरिक समस्या उत्पन्न न हो। यहां हम आपको एक्सपर्ट द्वारा बताए अनुसार, सोयाबीन के उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।
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ये हैं नुकसान
-सोयाबीन के ज्यादा सेवन से पुरूषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे पुरूषों मेंं संतान उत्पन्न करने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
-सोय उत्पाद पुरूषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या उत्पन्न कर देते हैं, जिससे पति-पत्नी के बीच मधुर संबंध बने रहने का खतरा बढ़ जाता है।
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ये हैं सोयाबीन के फायदे
-शाकाहारी भोजन में सोयाबीन ही एक ऐसा भोजन है, जिसमें अमिनो एसिड प्रचुर मात्रा में होता है। ये सिर्फ मांसाहार में पाया जाता है। इसके सेवन से मसल्स तेजी से विकसित होते हैं।
-सोयाबीन में 40 फीसदी प्रोटीन होता है, जो दालों में सबसे अधिक है। इसमें मौजूद अमिनो एसिड शरीर के लिए उपयुक्त है। इसमें 20 फीसदी वसा होती है जिसमें अम्ल अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
-सोयाबीन में कैल्शियम व ऑयरन होता है। इसमें मौजूद तत्व हड्डी रोगों से ग्रसित मरीजों के लिए भी लाभदायक होते हैं। ये तत्व हड्डी को मजबूत बनाने के साथ अन्य रोगों से लडऩे की प्रतिरोधक क्षमता का विकास करते हैं।
-30 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं में नाइट्रोजन की कमी के कारण हड्डियों में कैल्शियम की कमी आ जाती है। जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनके टूटने की संभवना बढ़ जाती है। इसका सेवन खास तौर से गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है।
-सोयाबीन में आइसोफ्लेवोन नामक फाइटो रसायन पाया जाता है, जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। ये रसायन कैंसर के प्रतिरोधक का काम करते हैं। स्तन व प्रोस्ट्रेट कैंसर के मरीजों के लिए सोयाबीन का सेवन बेहद फायदेमंद है।
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क्या कहते हैं चिकत्सक?
हेल्थ एक्सपर्ट विशाल गुप्ता का कहना है कि, सोयाबीन और उससे बने उत्पादों का सेवन निश्चित मात्रा में ही किया जाना सेहत के लिए फायदेमंद है। हालांकि, कई युवा कम समय में ज्यादा मसल्स गैन करने की चाह में इसका अधिक सेवन करने लगते हैं, जो एक तरह से अपनी सेहत से खिलवाड़ है। इसके उपयोग से शरीर को जरूर बलवान बनाया जा सकता है। वहीं, सोया उत्पादों के अधिक उपयोग से शरीर को नुकसान भी उतनी ही तेजी से पहुंचाता है, जितने इसके फायदे हैं। शोध का हवाला देते हुए डॉ. गुप्ता ने बताया कि, सोयाबीन उत्पादों के अधिक सेवन से पुरूष में शुक्राणुओं की संख्या घट जाती है। पुरूषों में संतानोत्पत्ति की समस्या पैदा हो जाती है।
Published on:
02 Dec 2019 07:54 pm
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