
आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथ से उम्मीद, इन दवाओं का चल रहा ट्रायल
भोपाल/ मध्य प्रदेश समेत देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। एमपी में ही संक्रमण के फैलाव का आंकड़ा 11 हजार के करीब पहुंच गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है, संक्रमण तब तक पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना रहेगा, जब तक इसकी कोई पर्याप्त दवा न बन जाए। हालांकि, भारत समेत, दुनिया भर के कई हड़े देश कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा बनाने में जुटे हुए हैं। कई देशों में तो वैक्सीन का ट्रायल भी शुरु किया जा चुका है। ये बात तो अब सभी जानते हैं कि, संक्रमण का सबसे अधिक असर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर होता है। ऐसे में मध्य प्रदेश समेत देश के अलग अलग हिस्सों में 20 से अधिक आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी दवा कंपनियों से आयुष मंत्रालय ने सहभागिता की है।
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जड़ी बूटियों पर चल रहा ट्रॉयल
भारत में भी वैक्सीन को लेकर ट्रायल शुरु कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर ऐसी दवाओं की भी पहचान हो रही है जो, कोरोना के इलाज में मददगार और असरदार साबित हों। आयुष मंत्रालय ने अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुरुचि और पिप्पली जैसी जड़ी-बूटियों पर तो ट्रायल कर ही रही है। इसके साथ ही, पॉली हर्बल फॉर्म्युलेशन(Aayush-64) पर रिसर्च के लिए भी प्रोटोकॉल डेवलप किया है।
लगातार काम कर रही हैं ये कंपनियां
कोरोना वायरस संक्रमण कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को जल्दी अपना शिकार बनाता है। इसलिए देश में इम्यूनिटी बूस्टर थेरेपी के लिए कई परंपरागत दवाओं पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया गया है। इम्यूनिटी बूस्टर दवा तैयार करने में हमदर्द लैबोरेट्रीज, डाबर, श्रीश्री तत्व जैसी नामी कंपनियां भी जुटी हुई हैं। इन कंपनियों ने ट्रायल के लिए पंजीकरण भी करा लिया है। ये कंपनियां यूनानी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक दवाएं बनाती आ रही हैं।
Published on:
14 Jun 2020 08:03 pm
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