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दक्षिणी अंडमान और बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात, बारिश के बाद और गिरेगा तापमान

दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर 30 नवंबर के आसपास एक नए कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना बनी है, जो तेज होकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसका असर उत्तरी मध्य प्रदेश के जिलों पर पड़ सकता है।

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दक्षिणी अंडमान और बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात, बारिश के बाद और गिरेगा तापमान

भोपाल. मध्य प्रदेश के न्यूनतम और अधिकतम तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। इसके चलते दिन के साथ-साथ रात की फिजा में ठंड घुलती जा रही है। इसी बीच दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर 30 नवंबर के आसपास एक नए कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना बनी है, जो तेज होकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। भारतीय मौसम विभाग द्वारा इस संबंध में जानकारी जारी की गई है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार, इस सिस्टम ने चक्रवात का रूप धारण कर लिया तो इसका प्रभाव पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर अधिक रहेगा, जिससे आंध्र प्रदेश और ओडिशा अधिक प्रभावित होंगे, जिसका असर महाराष्ट्र तक देखा जा सकेगा। वहीं, इसका हल्का फुल्का प्रभार उत्तरी मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है।


अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर 30 नवंबर से बनने वाला सिस्टम सक्रीय होता है। तो इसके असर से उत्तरी मध्य प्रदेश के दतिया, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, गुना और शिवपुरी जिलों में हल्की फुल्की बारिश हो सकती है।

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एक और सिस्टम सक्रीय

इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ का असर भी पश्चिमी मध्य प्रदेश में पड़ सकता है। मौसम विशेषज्ञ शैलेंद्र नायक का कहना है कि, 1 और 2 दिसंबर को अधिकतम गतिविधि के साथ पश्चिमी मध्य प्रदेश में बिजली और वज्रध्वनि के साथ वाली आंधी के साथ कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। हालांकि, इसके कारण न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है।

बता दें कि, समुद्र तल पर एक ट्रफ रेखा दक्षिण पूर्व अरब सागर से कर्नाटक तट से दूर मध्य पूर्व अरब सागर तक निचले क्षोभमंडल स्तर तक विस्तारित है। इसकी के चलते 1 दिसंबर के आसपास कर्नाटक तट से दूर पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। 30 नवंबर की रात से मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल स्तर पर मध्य अक्षांश की पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ (द्रोणिका) के रूप में एक ताजा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम और आसपास के क्षेत्रों को मध्य भारत प्रभावित करने एवं पूर्वी हवाओं में निचले स्तर की ट्रफ रेखा के साथ इसकी परस्पर इंटरेक्शन की संभावना है।


इन संभागों के जिलों पर पड़ेगा असर

मौसम विज्ञानी के अनुसार, इस सिस्टम के चलते पश्चिमी मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संंभाग, उज्जैन संभाग, भोपाल और होशंगाबाद संभाग के जिलों में गरज-चमक और तेज हवा के बीच बारिश होने की संभावना है।

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