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खतरनाक चक्रवात ने मचाई तबाही, 200 ग्राम के ओलों से कांच फूटे, दो दिनों तक बिगड़ा मौसम

एमपी में मौसम में अचानक तेजी से बदलाव हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि हुई। अनूपपुर, शहडोल, जबलपुर, मंडला जिलों में कई जगहों पर ओले गिरे। डिंडोरी में ओलावृष्टि के कारण रोड सफेद नजर आने लगी। मंडला में तो बहुत वजनी ओले गिरे जिसने व्यापक तबाही मचाई। ओलों के कारण न केवल फसलें खराब हुईं बल्कि कई कच्चे मकान टूट और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

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एमपी में मौसम में अचानक तेजी से बदलाव हुआ

एमपी में मौसम में अचानक तेजी से बदलाव हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि हुई। अनूपपुर, शहडोल, जबलपुर, मंडला जिलों में कई जगहों पर ओले गिरे। डिंडोरी में ओलावृष्टि के कारण रोड सफेद नजर आने लगी। मंडला में तो बहुत वजनी ओले गिरे जिसने व्यापक तबाही मचाई। ओलों के कारण न केवल फसलें खराब हुईं बल्कि कई कच्चे मकान टूट और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

गुजरात में सक्रिय हुए चक्रवात के कारण मौसम में यह बदलाव आया है।मौसम विभाग ने दो दिनों तक ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

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मंडला में 200 ग्राम तक वजनी ओले गिरे। कच्चे मकानों के छप्पर टूट गए और वाहनों के कांच भी फूट गए। जबलपुर के पास बरगी में जबर्दस्त ओलावृष्टि हुई। डिंडोरी में इतने ओले गिरे कि रास्तों पर बिछ गए।

प्रदेशभर में ओलों के कारण चने की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। मटर की फसल भी खराब हो गई है जबकि खेत में खड़ी मसूर को भी नुकसान हुआ है। किसानों के नुकसान को देखते हुए मुआवजा के लिए प्रशासन ने सर्वे कराने को कहा है।

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ओलावृष्टि और बारिश का राजधानी भोपाल के मौसम पर भी असर हुआ। सर्द हवाओं ने ठंडक बढ़ा दी। पारा खासा गिर गया और न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री रहा। भोपाल का अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री दर्ज किया गया जोकि सामान्य से 3.7 डिग्री कम रहा। शनिवार को न्यूनतम तापमान 24.7 डिग्री दर्ज किया गया था।

मौसम विभाग ने दो दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहने की बात कही है।मौसम विज्ञानी एसएन साहू ने बताया कि दक्षिणी गुजरात के आसपास साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानि चक्रवात एक्टिव हुआ है। ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। इन मौसम प्रणालियों के असर के कारण यह स्थिति बनी है।

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