7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चुनाव के दौरान 10 नेताओं और 24 टीचर्स को लील गया कोरोना

महामारी की विभीषिकाः भाजपा और कांग्रेसदोनों दलों में एक सा हाल, अपनों को खोने वालों का उभरा दर्द

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Manish Geete

May 21, 2021

corona_death.png

दमोह। दमोह उपचुनाव (damoh byelection) भाजपा-कांग्रेस को भारी पड़ा है। 10 नेता कार्यकर्ता कोरोना से जान गंवा चुके हैं। कुछ के परिवार तबाह हो गए प चुनाव बीतते ही अधिकतर अपने हाल पर छोड़ दिए गए हैं। अपनों को खोने वालों का यही दर्द है कि जिनके लिए झंडे उठाए, पर्चियां बांटी, वे आज भूल गए। चुनाव के दौरान संक्रमित होकर जान गंवाने वालों में पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष मांडवी चौहान समेत कई पदाधिकारी शामिल हैं।

यह भी पढ़ेंः कृषि मंत्री की अपील, आंदोलन खत्म करें किसान नेता, सरकार बात करने को तैयार

पहले मां फिर पिता को खोया

दमोह की 26 साल की सोनाक्षी का दर्द शायद ही कोईसमझ पाए। उनके पिता देवनारायण श्रीवास्तव बीजेपी जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में वर्ष 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सफलता अर्जित की थी। कोरोना की पहली लहर में कैंसर पीड़ित उनकी पत्नी दुनिया छोड़ गईं। तब सोनाक्षी ने पिता से राजनीति से हटने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अंततः कोरोना से मौत हो गई।

सोनाक्षी कहती हैं कि पिता उपचुनाव में ताकत से लगे रहे। पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया के साथ हेलीकाप्टर से दौरे पर गए थे। मतदान के दिन एक केंद्र में रुके रहे। इसी दौरान वे संक्रमित हो गए और जबलपुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। पिता के निधन पर दूर से संवेदनाएं तो मिलीं, पर मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़े। पार्टी या सरकार स्तर पर किसी ने चिंता नहीं की।

यह भी पढ़ेंः जस्टिस संजय यादव होंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, इन फैसलों से जीता जनता का दिल

कहीं से नहीं मिली मदद

चुनाव आयोग भी सवालों के घेरे में

इस मामले में चुनाव आयोग भी कटघरे में है। मंत्री से लेकर कार्यकर्ता इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कुछ भी करने पर आमादा थे,लेकिन कोरोना को लेकर प्रसासन से लेकर चुनाव आयोग तक चिंता नहीं दिकी थी। इसके उलट जिला निर्वाचन अधिकारी ने एक चुनाव प्रचार रथ ही निकाल दिया था कि कोरोना से नहीं डरना है, वोटिंग जरूर करना है।

यह भी पढ़ेंः Patrika Positive News: गर्भवती बेटी से मिलने पैदल निकला बुजुर्ग पिता, पुलिस ने बेटी से मिलाया

24 टीचर्स की मौत

दमोह उपचुनाव 17 अप्रैल को हुए थे। इसके लिए जिले में 800 टीचर्स की चुनाव ड्यूटी लगाई गई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 200 टीचर्स कोरोना संक्रमित हो गए और इस दौरान 17 टीचर्स अपनी जान गंवा चुके हैं। कलेक्टर कृष्ण चैतन्य ने मीडिया को बताया कि अब तक 24 टीचर्स के परिजनों के आवेदन आए हैं, जिन्होंने ड्यूटी पर लगाए जाने के बाद कोविड के कारण दम तोड़ा। 17 टीचर्स की पहचान हो चुकी है। हम मुआवजे के लिए चुनाव आयोग को प्रकरण भेज रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः OLX पर फर्नीचर बेचने के लिए डाला था फोटो, फोन आया और गायब हो गए अकाउंट से पैसे