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‘सस्ती बाइक-टैक्सी’ सेवाओं में चोरी हो रहा डेटा ! कंपनियों की खैर नहीं

MP News: सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा कि यात्री की सुरक्षा कंपनी की जिम्मेदारी है। एंड्रायड ऐप से यात्री के डेटा चोरी नहीं हो इसके लिए साइबर सुरक्षा प्लान बनाना होगा।

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(सोर्स: सोशल मीडिया)

(सोर्स: सोशल मीडिया)

MP News: सस्ती बाइक टैक्सी सेवा देने का दावा करने वाली प्राइवेट कैब कंपनियों को एक बार फिर कानून याद दिलाया गया है। लगातार मिल रही शिकायतों की जांच के बाद कैब कंपनी प्रतिनिधि, स्थानीय वाहन मालिक की बैठक लेकर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा ने ये गाइड लाइन समझाई। सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा कि यात्री की सुरक्षा कंपनी की जिम्मेदारी है। एंड्रायड ऐप से यात्री के डेटा चोरी नहीं हो इसके लिए साइबर सुरक्षा प्लान बनाना होगा। ग्राहकों की शिकायतों का निराकरण हर हाल में 24 घंटे के अंदर कर उसे सूचित करना होगा।

कंपनियां किसी भी हाल में निजी वाहनों को अपने बेडे में रजिस्टर्ड नहीं करेंगी। स्थानीय वाहन चालकों से हुए एमओयू का पालन करना होगा। इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अनुमति लेकर कंपनियां किस आधार पर फूड सप्लाई चैन के नाम पर रेस्टोरेंट का खाना अपने ड्राइवरों के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंचा रही हैं। ड्राइवरों का वेरिफिकेशन हुआ है तो ब्यौरा किस थाने में जमा किया है।

ग्राहकों का डेटा बेचने का आरोप

बाइक टैक्सी सेवा का इस्तेमाल करने वाली कई महिला उपभोक्ताओं ने अलग-अलग जिलों में इस बात की शिकायत की है कि उन्हें ड्राइवरों के माध्यम से अश्लील कॉल किए गए हैं। कई ग्राहकों ने खुद के साथ हुई साइबर धोखाधड़ी के लिए बाइक टैक्सी सेवा की एप्लीकेशन पर मांगी गई मंजूरी और यहां से डाटा लीक होने का आरोप भी लगाया है। स्टार्टअप के नाम पर शुरू की गई इन कंपनियों की साइबर सिक्योरिटी डिटेल से सरकार को नहीं मिलने के चलते यह कार्रवाई शुरू की गई है।

एंड्राइड एप्लीकेशन में अनेक परमिशन

एंड्राइड मोबाइल पर प्ले स्टोर से संबंधित कंपनी का एप्लीकेशन डाउनलोड करना होता है। एप्लीकेशन तमाम तरह की परमिशन पर ओके करने के बाद ही डाउनलोड होता है।