
Development projects worth Rs 2 lakh crore will be undertaken in 418 cities of MP- image social media
MP City- एमपी में शहरों के विकास के लिए सड़कों पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। सड़कें अर्थव्यवस्था की धुरी बन चुकी हैं जोकि शहरों के सभी क्षेत्रों को एक क्रम में जोड़ती हैं। सड़क निर्माण और उनकी गुणवत्ता के लिए नगरीय निकायों के इंजीनियर पूरा प्रयत्न कर रहे हैं पर टेक्नोलॉजी में आ रहे नित नए बदलावों के साथ उन्हें अपनी कार्य प्रणाली में बदलाव की जरूरत है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सस्टेनेबल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर विषय पर कार्यशाला आयोजित की। यहां नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे ने कहा कि शहरों की सड़कों से विकास को रफ्तार मिलती है। उन्होंने इसके लिए गुणवत्तापूर्ण सड़कों की जरूरत जताई। कार्यशाला में बताया गया कि प्रदेश के नगरीय निकायों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 2 लाख करोड़ के विकास कार्य किए जाएंगे।
भोपाल की आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में शुक्रवार को आईआईटी इंदौर, रूड़की, MORTH, CRRI & RODIC के विषय-विशेषज्ञों ने सड़क निर्माण के नए सिस्टम व सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के कई तथ्य बताए। सस्टेनेबल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर हुई कार्यशाला प्रदेश के 600 इंजीनियरों की क्षमतावर्धन भी की गई।
सड़क निर्माण कार्य से जुड़े विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला को संबोधित किया। इनमें RODIC के आरएस महालहा और एचसी अरोरा ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट, टेंडर प्रोसेस पर प्रस्तुतिकरण दिया। कंस्ट्रक्शन टेक्निक, क्वॉलिटी कंट्रोल, टेस्टिंग लैब की प्रक्रिया, डिजिटल प्रोजेक्ट मेनेजमेंट, रीयल टाइम मॉनिटरिंग, नगर सड़कों की सुरक्षा, सड़क निर्माण में वेस्ट मटेरियल के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई। प्रमुख अभियंता प्रदीप मिश्रा ने प्रदेश की नगरीय अधोसंरचना की जानकारी दी।
आयुक्त संकेत भोंडवे ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि प्रदेश में करीब ढाई करोड़ की आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। यहां की सड़कों पर यातायात का काफी दबाब है। इन सड़कों पर नगरीय क्षेत्र की अन्य अधोसंरचनाओं का भी प्रभाव पड़ता है इसलिये सड़कों की बेहतर गुणवत्ता जरूरी है।
कार्यशाला में एक अहम तथ्य सामने आया। यहां बताया गया कि प्रदेश के सभी 418 शहरों में राज्य और केंद्र सरकार की अनेक योजनाएं चल रहीं हैं। इन नगरीय निकायों की नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत आगामी 5 वर्षों में कायापलट कर दी जाएगी। इस दौरान सभी शहरों में कुल 2 लाख करोड़ रूपए के काम होंगे। केंद्र सरकार की अमृत, स्वच्छ भारत मिशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना, जलप्रदाय, सीवरेज, हरित क्षेत्र विकास और यूज्ड वाटर मेनेजमेंट आदि योजनाएं से प्रदेश के नगरीय निकायों को संवारा जा रहा है।
बता दें कि एमपी में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अंतर्गत कुल 418 नगरीय निकाय हैं। इनमें 5 छावनी परिषदें भी शामिल हैं।
नगर निगम- 6
नगर पालिका- 99
नगर परिषदें- 298
छावनी परिषदें- 5
योग- 418
Updated on:
19 Sept 2025 06:22 pm
Published on:
19 Sept 2025 06:21 pm
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