
MP में हड़ताल का ज़बरदस्त असर, सरकारी और प्राइवेट अस्पताल बंद, मरीजों में हाहाकार
भोपालः पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से हुई मारपीट के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को भी मध्य प्रदेश के डॉक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल कर दी है। 24 घंटे के इस बंद में प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर शामिल हुए हैं। इस जबरदस्त हड़ताल का असर राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर पड़ा है। हालात ये हैं कि, अपनी पीड़ा से परेशान मरीजों में प्रदेश के अस्पतालों की इस हड़ताल के कारण हाहाकार की स्थिति बनी हुई है।
हड़ताल पर MP
बात करें राजधानी भोपाल की तो यहां आईएमए के आह्वान का खास असर देखने में आ रहा है। यहां सभी प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, सभी मेडिकल कॉलेज, एम्स, गांधी मेडिकल कॉलेज समेत हमीदिया अस्पताल तक 24 घंटे के लिए हड़ताल पर हैं। इस दौरान इन अस्पतालों में सामान्य कार्य, ओपीडी, ऑपरेशन, पढ़ाई बंद हैं। हालांकि, इन सभी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे बहाल रहेंगी। भोपाल के ये सभी निजी और सरकारी डॉक्टर दोपहर में गांधी मेडिकल कॉलेज से शांतिपूर्ण मार्च निकालेंगे और कमिश्नर कार्यालय जाकर उन्हें ज्ञापन सौपेंगे। ज्ञापन के जरिये कमिश्नर से डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग की जाएगी।
डॉक्टरों में तकरार
इधर प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के एमवाय अस्पताल में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टरों के बीच एमवाय की नई ओपीडी खुलवाने को लेकर विवाद हो गया। कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों को जब डॉक्टरों द्वारा ओपीडी का भी दरवाजा बंद कर देने की जानकारी लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर डॉक्टरों से दरवाज़ा खोलने को कहा, जिसपर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन और जूनियर डॉक्टरों के बीच हंगामा खड़ा हो गया। हालांकि, हालात को काबू में करते हुए प्रभारी डीन डॉ. अरोरा व एमवाय अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने डॉक्टरों को समझाईश देकर ताला खुलवाया और सभी डॉक्टरों को ओपीडी में बैठने की अपील की। इस दौरान आधे सीनियर डॉक्टर ओपीडी में पहुंचे और आधे नहीं पहुंचे। साथ ही, जूनियर डॉक्टर ओपीडी से नदारद रहे।
मरीज़ों में हाहाकार
ग्वालियर चंबल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाने वाला जयारोग्य अस्पताल भी इस हड़ताल में शामिल है। यहां आस-पास के 20 जिलों के मरीज अपनी तकलीफ का उपचार कराने पहुंचते हैं, लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल का कहर आज इनपर आ गिरा है। हालात ये है, कि मरीज को एडमिट करके उसकी पीड़ा का हाल जानने वाला पूरे अस्पताल में कोई नहीं है। इस कारण मरीजों में अफरा-तफरी मची हुई है। मरीज अपने अटेंडेंट के साथ परेशान हो रहे हैं। अटेंडेंट खुद ही मरीजों का एक्सरे, अल्ट्रासाउंड समेत अन्य जांचे कराने के लिए इधर से उधर अपने मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर घूम रहे हैं।
यहां डॉक्टरों ने कर रखी है OPD भी बंद
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल का ज़बरदस्त असर देखने को मिल रहा है। यहां जबलपुर जिले के अलावा संभाग के अन्य जिलों से भी मरीज अपनी पीड़ाओं को लेकर पहुंचते हैं। लेकिन, यहां हालात ये है कि, अस्पताल में डॉक्टरों ने सिर्फ़ आकस्मिक चिकित्सा सेवा ही नहीं बल्कि OPD सेवाए भी बंद कर रखी हैं। आंदोलनकारी डॉक्टर ओपीडी के बाहर विरोध बैठे हैं।
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मरीजों की गुहार
इधर प्रदेशभर में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण परेशान हो रहे मरीजों का एक सुर में कहना है कि, सुरक्षा व्यवस्थाओं के मद्देनज़र डॉक्टरों की हड़ताल तो वाजिब है, लेकिन कहीं ना कहीं उन्हें मरीज़ों का भी ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि, कुछ भी हो मरीज़ उन्हें भगवान के समान मानकर ही उनके पास अपनी पीड़ा लेकर आते हैं। इधर, डॉक्टरों का कहना है जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, वो हड़ताल पर अड़े रहेंगे। फिलहाल सांकेतिक रूप से उन्होंने 24 घंटे की हड़ताल का कॉल किया है, लेकिन अगर सरकार की ओर से उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आगे भी इस हड़ताल को जारी रखने पर विचार किया जा सकता है।
Published on:
17 Jun 2019 03:03 pm
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