
Electricity Bill in MP
Electricity Bill in MP: मध्य प्रदेश में बिजली अब 3.46% महंगी हो गई। अप्रेल से नई दरें लागू होंगी। राहत यह है कि जिन घरों में स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगे हैं, उन्हें टाइम ऑफ डे का फायदा मिलेगा। सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खपत में 20% छूट मिलेगी। वहीं, शाम 5.01 बजे से सुबह 8.59 बजे तक पूरा टैरिफ देना होगा। इनका बिल दो हिस्सों में आएगा।
10 किलोवॉट से अधिक भार वाले घरेलू उपभोक्ता को सुबह 6 से 9 बजे और शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक सामान्य टैरिफ (New Tariff) के मुकाबले 10% अधिक बिल भरना होगा। बिल 3 हिस्सों में आएगा। विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) ने नया टैरिफ जारी किया था। विद्युत मामलों के जानकार जबलपुर के अधिवक्ता राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया, पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 2025-26 में ₹58,744 करोड़ राजस्व की जरूरत बताई। कहा, वर्तमान दरों से 54,637 करोड़ मिल रहा है। भरपाई के लिए औसत 7.52% वृद्धि का प्रस्ताव दिया था।
नए टैरिफ में अधिकतर उपभोक्ताओं पर 20 पैसे प्रति यूनिट बोझ बढ़ा। 37 लाख किसानों को सरकार ने राहत दी है। कृषि पंप से 300 और 300 से 750 यूनिट या अधिक खपत पर 18 पैसे प्रति यूनिट अधिक देना होगा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर ने बताया, किसानों को 750 रुपए प्रति हॉर्स पावर देने वाली राशि व नियामक आयोग की दरों का अंतर सरकार देगी। शासन 3 हॉर्स पावर पंप के लिए 28,480 रुपए, 5 हॉर्स पावर पर 50,921 व 10 हॉर्स पावर पंप पर 1,08,155 रुपए सब्सिडी देगा। किसान वृद्धि दरों की 7% राशि देंगे, बाकी 93% बतौर सब्सिडी शासन देगा।
ई-वीकल्स के चार्जिंग स्टेशन पर 6.90 रुपए प्रति यूनिट दर है। अब प्रति यूनिट 20 पैसे बढ़ाए हैं। चार्जिंग स्टेशन संचालकों को 7.10 रुपए प्रति यूनिट बिल देना होगा। वाणिज्यिक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक 6.30 रुपए, 50 यूनिट से अधिक पर 7.80 रुपए व डिमांड ओरिजन टैरिफ पर 6.90 रुपए प्रति यूनिट देना पड़ रहा था। अब 20 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि। उच्च दाब उपभोक्ता इसी श्रेणी में। 20 पैसे प्रति यूनिट बढ़े।
प्र देश में 1.27 करोड़ घरेलू उपभोक्ता में से 1 करोड़ को 150 यूनिट खपत पर सब्सिडी मिलती है। इससे 450 रुपए से ज्यादा बचते हैं। वहीं, 25 लाख उपभोक्ताओं की मासिक खपत 151 से 300 यूनिट है। यह स्लैब बरकरार रहने से बोझ नहीं बढ़ेगा।
पावर मैनेजमेंट कंपनियों ने जेब काटने की तैयारी थी। नियामक आयोग को 151 यूनिट+ खपत करने वालों से फ्लैट रेट वसूलने का प्रस्ताव दिया। यह स्लैब हटता तो लाखों मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ता। आयोग ने स्लैब हटाने से मना किया।
Updated on:
31 Mar 2025 09:23 am
Published on:
31 Mar 2025 09:22 am
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