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करोड़ों का फर्जीवाड़ा: गौरव गृह निर्माण संस्था पर EOW का एक्शन, ये है पूरा मामला

MP News: करोड़ों की बेशकीमती जमीन में हेरफेर और फर्जीवाड़ा मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने गौरव गृह निर्माण संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष संतोष जैन सहित कई लोगों के खिलाफ शुक्रवार को एफआइआर दर्ज की है।

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EOW action against Gaurav Housing Society Bhopal

EOW action against Gaurav Housing Society Bhopal (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News: करोड़ों की बेशकीमती जमीन में हेरफेर और फर्जीवाड़ा मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने भोपाल के गौरव गृह निर्माण संस्था(Gaurav Housing Society) के तत्कालीन अध्यक्ष संतोष जैन सहित कई लोगों के खिलाफ शुक्रवार को एफआइआर दर्ज की है। संस्था के मूल संस्थापक सदस्यों ने आरोप लगाया था कि संतोष जैन ने अपने कार्यकाल के दौरान शुभालय बिल्डर के साथ मिलकर संस्था की संपत्ति में व्यापक गड़बड़ी की।

5 एकड़ जमीन का अवैध अनुबंध

ईओडब्ल्यू जांच में सामने आया कि जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वर्ष 2024 में संस्था की 5 एकड़ जमीन विकास कार्य के नाम पर मेसर्स शुभालय विला को सौंप दी। इस अवैध अनुबंध में अधिकांश भूमि बिल्डर को दे दी गई और केवल 44 प्लॉट मूल सदस्यों के लिए छोड़े गए। इतना ही नहीं, भूखंडों का आकार 2400/1500 वर्गफीट से घटाकर 1200 वर्गफीट कर दिया गया। जांच में खुलासा हुआ कि अनुबंध पत्र के पहले तीन पेज कूटरचित थे और उन पर गवाहों के हस्ताक्षर नहीं थे। साथ ही संतोष जैन ने आमसभा के प्रस्तावों में साजिशपूर्वक बदलाव कर खुद को बिल्डर से अनुबंध करने के लिए अधिकृत बताया और इस आधार पर फर्जी अनुबंध किया गया।

नए सदस्यों के नाम पर की जमीन की हेराफेरी

ईओडब्ल्यू(EOW Action) की जांच में यह भी पाया गया कि संस्था के 44 मूल सदस्यों को उनके भूखंड नहीं दिए गए, बल्कि नियमों की अनदेखी करते हुए 49 नए सदस्य जोड लिए गए। इनमें कुछ सहकारिता निरीक्षक और प्रभावशाली व्यक्ति भी शामिल थे। इन नए सदस्यों को मनमाने ढंग से भूखंड आवंटित कर बेचे गए और इसकी रकम संस्था के खातों में नहीं दिखाई गई। इतना ही नहीं, नगर निगम में बंधक रखे गए भूखंडों को भी नियमों के विपरीत अन्य व्यक्तियों को बेच दिया गया।

इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर

ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद तत्कालीन अध्यक्ष संतोष जैन, बिल्डर और क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज सिंह मीक, शिशिर खरे, नंदा खरे, मेसर्स शुभालय विला, बबलू सातनकर, सुनीता सातनकर और अनिता बिस्ट भट्ट के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।